आयुर्वेद को सेहत का खजाना कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। हर जड़ी-बूटी अपने भीतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के कई गुण समेटे हुए है। ये सभी जड़ी-बूटियां हमें पेड़-पौधों से ही प्राप्त होती हैं। कोरोना काल में आयुर्वेद व पुराने नुस्खों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोग इन घरेलू नुस्खों पर विश्वास करने लगे हैं। घर में पौधों का चलन पहले से बढ़ा है। आयुर्वेद की दृष्टि से पौधे लगाकर हम बहुत फायदा पा सकते हैं।
-प्रियंका महेश्वरी, जोधपुर
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औषधीय पौधे लगाने के लिए हर जिले में औषधीय पार्क विकसित किया जाना चाहिए। जिलों के वन मंडल कार्यालय सहित उद्यानों में भी औषधीय पौधे लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाने की व्यवस्था होनी चाहिए। लोगों को पौधे उपलब्ध कराकर उनसे पौधों की नियमित देखरेख का एक शपथ-पत्र भरवाया जाना चाहिए। वन विभाग को सभी स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों में जाकर औषधीय पौधे लगाने के लिए विशेष अभियान चलाकर पौधे लगाने चाहिए।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक औषधीय पौधे लगाने चाहिए। इससे वातावरण भी प्रदूषण रहित होता है और नागरिकों का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। आयुर्वेद में सब कुछ पेड़ ही हैं। अत: यदि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को जीवित रखना है, तो अधिक से अधिक औषधीय पौधे लगाने चाहिए और उनकी बच्चों की तरह परवरिश करनी चाहिए।
-कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर, चूरु
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औषधीय पौधे जीवन के लिए संजीवनी साबित हो रहे हैं। विभिन्न प्रकार की बीमारियां मानव पर आघात कर रही हैं। ऐसी औषधियों की जरूरत है, जो व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती हों। यही वजह है कि राजस्थान में घर-घर औषधीय पौधों का वितरण किया जा रहा है। औषधीय पौधे मानव और आयुर्वेद दोनों के लिए संजीवनी का काम करेंगे।
-बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ, सीकर
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जितने ज्यादा औषधीय पौधे होंगे, उतनी ही आसानी से जड़ी बूटियां उपलब्ध होंगी। वैद्यों को कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अपने स्तर पर औषधियों का निर्माण किया जा सकेगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। दवाइयां एकदम ताजा तैयार होंगी।
-डॉ. मुकेश वैष्णव, कनवास कोटा
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आयुर्वेद सदियों पुरानी चिकित्सा पद्धति है। ऋषि-मुनियों ने भी इसे अपनाकर लंबा और स्वस्थ जीवन जिया था। प्राचीन समय में यह चिकित्सा पद्धति ही प्रचलित थी। इसमें पेड़-पौधों से ही औषधियां तैयार की जाती थीं, जो कि शरीर को गंभीर बीमारियों से भी निजात दिलाती थीं। अगर व्यापक रूप से पेड़-पौधे लगाए जाएं, तो निस्संदेह औषधियां तैयार करने में मदद मिलेगी और आयुर्वेद को भी बढ़ावा मिलेगा।
-प्रकाश चन्द्र राव, बापूनगर, भीलवाड़ा
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ज्यादा से ज्यादा औषधीय पौधे लगाने से आयुर्वेद प्रोत्साहन मिलेगा। गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ, तुलसी जैसे औषधीय पौधे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर हैं। हर जगह उपलब्ध होने से लोग इनका आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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राजस्थान सरकार द्वारा औषधीय पौधों का ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए प्रोत्साहित करना एक बड़ा कदम है। इससे आयुर्वेद को बढ़ावा मिलेगा। स्वस्थ रहने में आयुर्वेद का महत्व सदियों से है। औषधीय पौधों की जानकारी मिलेगी।
-अरुण भट्ट, रावतभाटा
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औषधीय पौधे लगाने से आयुर्वेद को निश्चित रूप प्रोत्साहन मिलेगा। इस तरहे के पौधे लगाने के लिए रासायनिक खाद और कीटनाशक की आवश्यकता कम होती है, जिससे लागत कम लगती है। एक बार फसल लगाकर 3 सालों तक उत्पादन किया जा सकता है। बाजार में इसकी अधिक मांग होने से भी औषधीय उत्पाद आसानी से बिक जाते हैं।
-संजय माकोड़े बडोरा, बैतूल
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निश्चित तौर पर ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने पर आयुर्वेद को प्रोत्साहन मिलेगा। इनका संरक्षण अगर ढंग से किया जाए तो इनका खरीद मूल्य भी उचित मिलता है। इनका घरों में आसानी से उपयोग हो सकता है।
-अजय सिंह सिरसला, चुरू
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औषधीय पौधे लगाने से आयुर्वेद को फायदा मिलेगा। सरकार की घर-घर औषधि योजना से हर घर को औषधीय पौधों के गुण धर्म के बारे में पता चलेगा। साथ ही जब किसी को इन औषधीय पौधों से लाभ पहुंचेगा तो वह अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा। इससे लोग तो स्वस्थ रहेंगे ही औषधीय पौधों की कृषि करके किसान भी लाभान्वित होगा। इससे देश व आयुर्वेद का विकास होगा।
डॉ. रामहेत नागर, कोटा
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सरकार केवल अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित करती है, जबकि सर्जरी को छोड़कर आयुर्वेद से कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है। जड़ी-बूटियों की कमी के कारण आयुर्वेदिक दवाओं का उत्पादन प्रभावित होता है। अगर सर्वत्र औषधीय पौधे लगाए जाएंगे, तो दवा बनाने में आसानी होगी।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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कोरोना काल में निश्चित ही आयुर्वेद के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। ज्यादा से ज्यादा औषधीय पौधे लगाने के साथ-साथ इनके बारे में लोगों को बताया भी जाना चाहिए।
-प्रतीक जैन ,सेमारी ,उदयपुर
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कोरोना महामारी के दौर में हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद पर हमारा विश्वास पुन: बढ़ा है। कई कोरोना पीड़ितों ने इस चिकित्सा पद्धति के माध्यम से अपने स्वास्थ्य में सुधार पाया है। आगे भी इस पद्धति को प्रोत्साहन मिलता रहे इसके लिए लोगों के विश्वास के साथ साथ अधिक से अधिक औषधीय पौधों को लगाने की आवश्यकता है।
-अजिता शर्मा, उदयपुर