scriptआपकी बात….अदालतें नियमित जमानत याचिकाओं पर फ़ैसले में देरी क्यों लगाती हैं? | Patrika News
ओपिनियन

आपकी बात….अदालतें नियमित जमानत याचिकाओं पर फ़ैसले में देरी क्यों लगाती हैं?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश है चुनींदा प्रतिक्रियाएं…

जयपुरMay 19, 2024 / 01:45 pm

विकास माथुर

court

decision delay

कार्यवाही का लंबित होना
जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद है। लेकिन जमानत न देने के पीछे एक कारण कार्यवाही का लंबित होना भी है। अधिक अदालतें स्थापित करके इसे रोका जा सकता है।
— प्रकृति पालीवाल, जयपुर
………………………………………………………..
तथ्यों और सबूतों के अभाव के कारण
न्यायाधीशों को सभी तरह के तथ्यों और सबूत का पर्याप्त अध्ययन करना पड़ता है। उसमें समय लगता है। अदालतों में केसों की संख्या काफी अधिक होती है। किसी गलत व्यक्ति को जमानत नहीं मिल जाए, उन्हें हर पहलू को ध्यान में रखना होता है। अदालतों में अवकाश होना और न्यायाधीशों का लंबी छुट्टी पर चले जाना, इसकी वजह से भी जमानत याचिका में समय लगता है। न्यायिक प्रणाली में सुधार करना चाहिए जिससे नियमित जमानत याचिकाओं पर फैसला हो सके।
—मोदिता सनाढ्य, उदयपुर
……………………………………………………….
मामले हाईप्रोफाइल होने पर फैसले में देरी
नियमित याचिकाओं पर फैसले हाई प्रोफाइल और विशिष्ट जन प्रतिनिधियों से जुड़े होने के कारण देरी से होते हैं। ऐसे मामले में जांच एजेंसियां भी साक्ष्य प्रस्तुत करने में फूंक- फूंककर कदम रखती हैं जिससे अदालतें समय पर नियमित जमानत याचिकाओं पर फैसला नहीं दे पातीं। कानूनी दांव पेज और जांच एजेंसियों के द्वारा दिए जाने वाला साक्ष्य ही नियमित जमानत का मूल आधार होता है। नियमित जमानत के लिए निचली अदालत का रास्ता खुला रहता है।
— सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ एमसीबी, छत्तीसगढ़
………………………………………….
जमानत याचिकाओं को लंबित रखना स्वतंत्रता का उल्लंघन
सर्वोच्च न्यायालय ने नागरिकों की स्वतंत्रता से संबंधित प्रत्येक दिन के महत्त्व पर जोर दिया है। कोर्ट ने शराब घोटाले के आरोपी अमन दीप सिंह ढल की याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को जमानत याचिका पर तुरंत फैसला लेने का निर्देश दिया और न्यायालय ने यह भी माना की नागरिकों की स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में हर एक दिन मायने रखता है। जमानत याचिकाओं का लंबित रखना स्वतंत्रता का उल्लंघन है ।सुप्रीम कोर्ट बार —बार दोहरा चुका है कि जमानत अर्जियों के मामले लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े होते हैं, इसलिए उनपर जल्दी सुनवाई कर निपटारा होना चाहिए । निजी स्वतंत्रता से संबंधित मामलों को जल्दी टेकअप कर जल्दी निपटाया जाना चाहिए।
— एडवोकेट भूपेन्द्र भारद्वाज, जयपुर
………………………………………………….
अधिक कागजी प्रक्रियाओं से फैसले में देरी
नियमित जमानत याचिका को भी बहुत सारी प्रक्रियाओं से होकर गुजरना होता है। नियमित जमानत याचिका में न्यायाधीश चार्ज शीट मांग लेते हैं और इसको देने में जांच अधिकारी वक्त ले लेते हैं। अचानक किसी न्यायाधीश के छुट्टी लेने और राजकीय अवकाश होने,रात्रि होने पर नकल मिलने में देरी होने से जमानत लेने वाले को ही खामयाजा भुगतना पड़ता है।
— डॉ माधव सिंह, श्रीमाधोपुर, राजस्थान
…………………………………………………..
दोनों पक्षों का विचार करना जरूरी
जज के पास जब कोई जमानत याचिका आती है तो वो अभियोजन पक्ष और शिकायतकर्ता दोनों पक्षों के तर्क वितर्क सुनते हैं । यदि जमानत किसी गंभीर मामले में दी जाए तो जमानत देने का समाज पर क्या प्रभाव होगा, वो देखा जाता है । दोनों पक्षो की परिस्थितियां वगैरह देखा जाता है। ज्यादातर अदालतें नियमित जमानत याचिकाओं पर देरी करती है ।
— आशुतोष, अहमदाबाद
……………………………………………….
जांच प्रकिया पूर्ण करने में देरी संभव है
जमानत हेतु अपराध की प्रकृति, जांच की मात्रा को निर्धारित करती है। जांच की मात्रा समय की लम्बाई निर्धारित करती है। अदालतें नियमित जमानत याचिकाओं पर फैसले देने के पूर्व सामाजिक सुरक्षा और कानूनी न्याय की सही दिशा सुनिश्चित करती हैं। इसके लिए अनेक कारण हो सकते हैं जैसे याचिका की परवाह, सभी प्रमाणों की जांच, और अन्य मामले। जल्दबाजी में जमानत पाकर और बड़े अपराध करने की तुलना में अपराधी को जमानत देने में देर भली है। संगीन अपराधों में जमानत याचिकाओं को रद्द करना बेहतर है।
—मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ
…………………………………………………
कानून सभी के लिए हो समान
कई मामलों में अनेक निर्दोष कई साल की जेल भोगने के बाद निर्दोष साबित होते हैं। दूसरी ओर वीआईपी लोगों की जमानत जल्दी हो जाती है। क्या कानून के समक्ष वीआई पी व आम आदमी में अंतर है। अपराधी चाहे कितना ही बड़ा या छोटा हो कानून के समक्ष समान होना चाहिए।
— दिनेश सिंह शेखावत, मानपुरा, जोधपुर

Hindi News/ Prime / Opinion / आपकी बात….अदालतें नियमित जमानत याचिकाओं पर फ़ैसले में देरी क्यों लगाती हैं?

ट्रेंडिंग वीडियो