ये दोनों मैच भारत में बॉस्केटबॉल के खेल को लोकप्रिय बनाने के एनबीए के प्रयास का एक हिस्सा हैं। इन मुकाबलों को लेकर फैन्स में उत्सुकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक मैच के सभी टिकट बिक चुके हैं।
इन दो बड़ी टीमों को भारत लाने में सैक्रेमेंटो किंग्स के मालिक विवेक रणदिवे का भी बड़ा योगदान है। रणदिवे भारतीय मूल के हैं और चाहते हैं कि क्रिकेट के दीवाने भारत में बॉस्केटबॉल के खेल को भी पहचान मिले।
रणदिवे ने मुकाबलों से पहले कहा, “मैं बहुत उत्सहित हूं। मैं एक मुंबईकर हूं और अब उस शहर में वापस आ चुका हूं जहां मैं पैदा हुआ था। मेरी अपनी टीम सैक्रेमेंटो किंग्स का इंडियाना पेसर्स के साथ मुकाबला आयोजित करा पाना मेरे लिए बहुत विशेष है।”
रणदिवे ने कहा,”यह मुकाबले एक लंबे सफर के शुरूआती कदम हैं। मुझे उम्मीद हैं कि यह मैच आगे भी जारी रहेंगे और आने वाले 10 वर्षों में भारतीय सिस्टम से कई ऐसे खिलाड़ी निकलेंगे जो एनबीए में खेलेंगे। मैं यह भी मानता हूं कि आने वाले समय में बॉस्केटबॉल भारत का दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल होगा।”
उन्होंने कहा, “जाहिर तौर पर क्रिकेट देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल हैं, लेकिन बॉस्केटबॉल और भारत एक साथ जरूर जुड़ेंगे क्योंकि यह एक ऐसा खेल है जो इंडोर और आउटडोर कहीं भी खेला जा सकता है। इसे शहर और गांव में भी खेला जा सकता हैं। भारत में बॉस्केटबॉल जरूर सफल होगा।”
एनबीए की टीमें नए सीजन की शुरूआत से पहले अपनी तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्री-सीजन मुकाबले खेलती हैं। इन मुकाबलों के जरिए खिलाड़ी अपनी कमियों को परखकर उसे सुधारने का प्रयास करते हैं।
किंग्स के स्टार खिलाड़ी शूटिंग गार्ड बडी हील्ड ने कहा, “हम इन मुकाबलों में अपना स्वाभाविक खेल खेलने का प्रयास करेंगे। हम 2019-20 सीजन की शुरूआत से पहले अपनी गलतियों को ठीक करना चाहते हैं। यह केवल प्री-सीजन मुकाबला है, लेकिन हमें अभी भी बहुत बेहतर होना है।”
पिछले सीजन किंग्स ने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन टीम प्लेऑफ में जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाई थी। हालांकि, हील्ड को विश्वास है कि इस बार वह इस बार वह प्लेऑफ में जगह बनाने में जरूर कामयाब होंगे।
हील्ड ने कहा, “निश्चित रूप से मैं इस बार प्लेऑफ में जगह बनाना चाहता हूं और इस बार मेरी टीम का भी यही लक्ष्य है। हम एक टीम के रूप में नए स्तर पर जाना चाहते हैं, पिछले सीजन हम बेहद करीब पहुंचकर चूक गए, लेकिन इस बार हमारी कोशिश बिना कोई गलती किए प्लेऑफ में जगह बनाने पर होगी। जिस स्तर की हमारी टीम है उसे देखते हुए मुझे लगता है कि हम अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे।”
एनबीए को भारत लाने में रिलायंस का भी बड़ा योगदान है। एनबीए और रिलायंस फाउंडेशन ने भारत के पहले एनबीए मैच को देखने के लिए 70 स्कूलों के 3000 छात्र और छात्राओं को भी आमंत्रित किया है।
रिलायंस फाउंडेशन के सभी के लिए शिक्षा और खेल अभियान की शुरूआत 2013 में हुई थी। इसके बाद पूरे देश के करीब 34 शहरों के 10000 से अधिक स्कूलों के 10 लाख बच्चों तक इसकी पहुंच हो चुकी है।