तैयारियों और प्रदर्शन पर उठ रहे सवालों का नीरज चोपड़ा ने जवाब दिया। वहीं पदक जीतने की संभावना पर चोपड़ा ने कहा कि इस समय दुनिया में जेवलिन थ्रो का स्तर ऊंचा हो गया है। नीरज चोपड़ा का कहना है कि अभी दुनिया में 7-8 एथलीट ऐसे हैं, जो 85 मीटर से ऊपर भाला फेंक रहे हैं। ऐसे में अभी से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि कौन पदक जीतेगा।
इसके साथ ही नीरज चोपड़ा ने खुलासा करते हुए बताया कि उनके कोच ने उनसे मीटिंग किदादे डी लिसबोआ टूर्नामेंट में अपना 100 फीसदी नहीं देने की सलाह दी थी। नीरज ने बताया कि उनके कोच ने कहा था कि फील्ड इतनी मजबूत नहीं है इसलिए उन्होंने नीरज को प्रतियोगिता में अपना 100 फीसदी नहीं देने की सलाह दी थी। साथ ही नीरज का कहना है कि टूर्नामेंट को उन्होंने रूटीन ट्रेनिंग के रूप में लिया, लेकिन वह अगले सप्ताह स्वीडन में होने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में ज्यादा प्रयास करेंगे।
भारत के भालाफेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने करीब 18 महीने के बाद लिस्बन प्रतियोगिता से विदेशी टूर्नामेंट में वापसी की है। इससे पहले उनका आखिरी विदेशी टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका का घरेलू मीट था, जो जनवरी 2020 में हुआ था। जनवरी 2020 के बाद नीरज ने कोरोना की वजह से किसी भी इंटरनेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया। वहीं नीरज का कहना है कि उन्हेें उम्मीद है कि 22 जून को स्वीडन में होने वाली प्रतियोगिता कठिन होगी और वे इसके लिए तैयार हैं।