इन सबके बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी मुस्लिम देशों को एक खत लिखा है। इस खत में उन्होंने तमाम मुस्लिम देशों के शीर्ष नेताओं से इस्लामोफोबिया ( Islamophobia ) के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
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इमरान खान ने दो पन्ने के अपने पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा ‘मुस्लिम देशों के नेताओं को सामूहिक रूप से गैर-मुस्लिम देशों खासकर पश्चिमी देशों में बढ़ते इस्लामोफोबिया का सामूहिक मुकाबला करने के लिए मेरा पत्र। यह दुनिया भर के मुसलमानों में बढ़ती चिंता का कारण बन गया है’।
पश्चिमी देशों में हो रहा है पैगंबर का उपहास
इमरान ने लिखा है कि यूरोप में मस्जिदों को बंद किया जा रहा है, महिलाओं को उनके स्वेच्छा के अनुसार सार्वजनिक कपड़े नहीं पहनने दिए जा रहे हैं, जबकि नन और पादरी अपने धर्म के अनुसार पहनते हैं। उन्होंने आगे अपने पत्र में लिखा ‘आज हम अपने उम्मा (समुदाय) में एक बढ़ती चिंता और बेचैनी का सामना कर रहे हैं, क्योंकि वे पश्चिमी देशों में हमारे प्रिय पैगंबर पर उपहास और मजाक के जरिए बढ़ते इस्लामोफोबिया और हमलों को देख रहे हैं’।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने फेसबुक को लिखा खत, इस्लामोफोबिक कंटेंट हटाने का किया आग्रह
इमरान खान ने आगे लिखा है कि इस्लाम, ईसाई धर्म या यहूदी धर्म के किसी भी पैगंबर की निंदा हमारे आस्था में अस्वीकार्य थी। अब समय आ गया है कि मुस्लिम देशों के हमारे नेता इस संदेश को दुनिया के बाकी हिस्सों खास कर पश्चिमी दुनिया में एकजुट होकर स्पष्टता के साथ पहुंचाएं। इससे इस्लामोफोबिया, इस्लाम और हमारे पैगंबर पर हमले को समाप्त किया जा सके।
इससे पहले इमरान खान ने मैक्रों के बयान की निंदा की थी, तो वहीं फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को भी एक खत लिखा था और मांग की थी कि इस्लामोफोबिया से संबंधित हर तरह के कंटेंट को अपने पेज से हटा दिया जाए। इसके अलावा पाकिस्तानी संसद ने फ्रांस से अपने राजदूत को वापस बुलाने के लिए एक प्रस्ताव भी पास किया है, हालांकि फ्रांस में अभी पाकिस्तान का कोई राजदूत नहीं है।