सोमवार को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने लाहौर उच्च न्यायालय परिसर में शहबाज शरीफ को गिरफ्तार किया था। आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉंड्रिंग के 700 करोड़ रुपये के मामले में कोर्ट ने शहबाज शरीफ की जमानत अर्जी खारिज कर दी, जिसके बाद NAB ने गिरफ्तार कर लिया था।
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बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके 69 वर्षीय शहबाज को मंगलवार को जवाबदेही कोर्ट में जस्टिस जवाद-उल-हसन के समक्ष पेश किया गया था। कोर्ट में शहबाज शरीफ ने जज से अपील किया कि वे अपने वकील की जगह पर खुद अपनी दलील पेश करना चाहते हैं। इसपर जस्टिस हसन ने उन्हें अपनी दलील पेश करने की इजाजत दे दी।
शहबाज शरीफ ने आरोपों से किया इनकार
आपको बता दें कि कोर्ट में जज के सामने अपनी दलील खुद रखते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने अपने उपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान और NAB के बीच गठजोड़ का आरोप लगाया।
शरीफ ने कहा कि इमरान सरकार और NAB की मिलीभगत ने देश में जवाबदेही का मजाक उड़ाया है। वे केवल विपक्षी नेताओं को ही निशाना बना रहे हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि मेरे खिलाफ मनी लॉंड्रिंग के आरोप आधारहीन हैं। मैं कोई बिजनेस नहीं करता हूं। शरीफ ने कहा कि मेरे अभिभावको ने कड़ी मेहनत से बिजनेस को स्थापित किया और फिर बाद में मेरे बच्चों को हस्तांतरिक कर दिया। इसमें मेरा कोई लेनादेना नहीं है।
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कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि जिस समय के मनी लॉंड्रिंग की बात की जा रही है, उस दौरान मैंने पंजाब प्रांत के बतौर मुख्यमंत्री जनता के लिए कुछ ऐसे निर्णय लिए हैं, जिससे उनके बड़े भाई और पुत्र हमजा के व्यापार में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
दलील सुनने के बाद कोर्ट ने NAB के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और शहबाज शरीफ को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोर्ट ने कहा शहबाज शरीफ को अब 13 अक्टूबर को फिर से अदालत में पेश किया जाए।