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जर्मनी में टीका न लगवाने वाले लोगों पर लगेगी पाबंदियां, जारी की चेतावनी खदान प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि वे अंदर ही फंस गए थे और भूस्खलन में मलबे से उन्हें बचाने के प्रयास काम नहीं आया। बलूचिस्तान कोल माइंस वर्कर्स फेडरेशन के अध्यक्ष सुल्तान मुहम्मद लाला के अनुसार गैस रिसाव या भूस्खलन के कारण कोयला खदानों के अंदर विस्फोट आम घटनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारी ऐसे खतरनाक हालात की परवाह नहीं करते हैं। कामगारों को ऐसे मुश्किल हालात में काम करना पड़ रहा है। बलूचिस्तान में नियमित रूप से खनन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। हरनाई जिले को कोयला श्रमिकों के लिए सबसे खतरनाक क्षेत्र माना गया है।
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तालिबानी घुसपैठियों को रोकने के लिए अफगानिस्तान ने 31 प्रांतों में लगाया नाइट कर्फ्यू मार्च में भी ऐसी घटना सामने आई थी, जब एक विस्फोट के बाद सात खनिकों की मृत्यु हो गई थी। इससे वे उसी क्षेत्र में भूमिगत हो गए थे। मार्च में प्रांत के बोलन जिले में एक अन्य कोयला खनन घटना में, खदान के अंदर मीथेन गैस विस्फोट में छह श्रमिकों की मौत हो गई थी।