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जिम्मेदारों की बेरुखी, नाडोल में अब भी लम्बित है बाइपास

– अनदेखी: छह साल में नहीं बना बाइपास
– फाइलों में उलझे हैं प्रस्ताव

पालीAug 29, 2019 / 11:33 am

rajendra denok

जिम्मेदारों की बेरुखी, नाडोल में अब भी लम्बित है बाइपास

जिम्मेदारों की बेरुखी, नाडोल में अब भी लम्बित है बाइपास

नाडोल. नाडोल नगर के लिए जिम्मेदारों की कत्र्तव्यनिष्ठा देखिए हाईवे स्वीकृति के छह साल बाद भी यहां के यातायात दबाव को कम करने के लिए बाईपास का निर्माण नहीं हो पाया। शहर से करीब दो किलोमीटर दूर लगा बाईपास का बोर्ड शहर के दर्द को आज भी बढ़ा रहा है। शहर से करीब दो किलोमीटर दूर तक हाईवे के निर्माण कार्य को रोक दिया गया। शहर के बीच सडक़ के हाल आज भी खस्ता हैं। यहां के संकरे रास्ते पर रोज जाम की स्थिति रहती है और जनता परेशान होती है। जिससे जिम्मेदारों को कोई सरोकार नहीं। बुधवार को भी करीब आधे घंटे तक शहर में जाम की स्थिति रही।
गौरतलब है कि इस स्टेट हाईवे संख्या 67 का निर्माण कार्य राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट एंड कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा 2012-13 में प्रारंभ किया था। जो 4 चरणों में पूर्ण हुआ था। यह गोमती से हेमावास पाली तक का 93 किलोमीटर की दूरी तय करता है। इस 93 किलोमीटर की दूरी में आरएसआरडीसी द्वारा झीलवाड़ा, देसूरी व सोनाई माझी टोल प्लाजा पर वाहनों का टैक्स वसूला जाता है। स्वीकृति के छह साल बाद भी यहां बाइपास का निर्माण नहीं हो पाया है। इससे नाडोल शहर के मध्य दुपहिया वाहनों व चौपहिया वाहनों का यातायात दबाव बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने जल्द बाईपास का कार्य प्रारंभ करवाने के आग्रह के साथ कार्य शुरू नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
आन्दोलन किया जाएगा
कस्बे में बार-बार जाम लगने की स्थिति बहुत भयानक है। इसलिए गांव से बाहर बाइपास देना बहुत जरूरी है। प्रशासन द्वारा जल्दी बाइपास शुरू नहीं करवाया तो आंदोलन किया जाएगा।
सुरेश चौधरी, रमेश गिरी गोस्वामी, सेसाराम चौधरी, इंद्रपुरी गोस्वामी, ग्रामीण
प्रोजेक्ट में शामिल है
नाडोल व सोनाई माझी का बाइपास प्रोजेक्ट में शामिल हैं। यह हाईवे आरएसआरडीसी ने बनाया था। इसी एजेंसी के द्वारा ही बाईपास का कार्य करवाया जाएगा।
कस्तूरचंद सुथार, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडीए देसूरी
कार्रवाई बाकी है
पीडब्ल्यूडी द्वारा लैंड एक्वायर करने के बाद व सामाजिक समाधान कमेटी गठित होने के बाद कार्य शुरू करवा देंगे। गजट नोटिफि केशन की कार्रवाई बाकी है। नाडोल व सोनाई माझी के बाईपास कार्य जल्दी शुरू करवा देंगे।
विपिन जिंदल, प्रोजेक्ट ऑफि सर, आरएसआरडीसी, उदयपुर
जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा जनता पर भारी
रोज रहता है ट्रेफिक जाम
सादड़ी ञ्च पत्रिका . कस्बे के मध्य से गुजरती खस्ताहाल राज्यकृत सडक़ नवीनीकरण सहित मुण्डारा वाया सादड़ी से देसूरी तक डेढ़ राज्यकृत मार्ग को डबल लाइन निर्माण के सार्वजनिक निर्माण विभाग से भेजे गए प्रस्ताव सरकार के पास अभी तक फाइल में बंद हैं। इसकी स्वीकृति मिले तो एक मर्तबा समस्या का वैकल्पिक समाधान मिल जाएगा। कस्बे में बढ़ रहे यातायात दबाव के कारण यहां रोज जाम लगता है। बाइपास निर्माण के लिए पालिका भी कई बार कह चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यहां वर्षों पूर्व बनी सीमेन्ट सडक़ खस्ताहाल हो गई। इस पर से गुजरना दिक्कतों भरा सफर है। हिचकोलों से हरपल अनचाहे हादसे की आशंका रहती है।
बस स्टेण्ड से आखरिया एवं गाछवाड़ा से ब्रजभाटा चौक के बीच जाम की स्थितियां बनती हैं तो जिम्मेदारों के प्रति जनता का आक्रोश उबलता है। जनप्रतिनिधि भी कई बार यहां जाम में फंस जाते हैं लेकिन कस्बेवासियों द्वारा मांगा जा रहा बाइपास निर्माण के प्रति कोई सजग नहीं हैं।
फाइलों में उलझे हैं प्रस्ताव
सार्वजनिक निर्माण विभाग सहायक अभियन्ता किस्तुरचन्द सुथार की मानें तो सरकार ने हाल में ग्राम व जिला मुख्यालय की सडक़ों के नवीनीकरण चौड़ाई व सुदृढीकरण को लेकर विभाग से एस्टीमेट प्रस्ताव मांगे हैं। जिसमें कस्बे के मध्य से गुजरती इस राज्यकृत सडक मार्ग का मुण्ड़ारा वाया सादडी से देसूरी तक 23.5 किमी डेढ़ लाइन से डबल लाइन सडक़ करने को लेकर 28.30 करोड़ का प्रस्ताव भिजवाया है। इसी तरह गौरव पथ की तर्ज पर वांकलमाता मन्दिर से अम्बेडकर नगर सर्किल तक करीब 2.5 किमी की सीमेन्ट सडक़ पटरी निर्माण को लेकर करीब साढे तीन करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। इसी तरह सांसरी से देसूरी 29 किमी सिंगल से डबल सडक 31.18 करोड एवं सादड़ी से नाडोल 19 किमी डेढ लाईन सडक़ निर्माण को लेकर 10.44 करोड़ का प्रस्ताव भिजवाया है। जिनकी स्वीकृ ति का इंतजार है।
यह है स्थिति
फालना से देसूरी व फालना से रणकपुर उदयपुर का मुख्य राज्यकृत सडक़ मार्ग कस्बे के बीचोबीच से गुजर रहा है। इसकी चौडाई कागजों में 18 फीट है। बस स्टेण्ड़ से आखरिया चौक एवं गाछवाड़ा से ब्रजभाटा चौक तक तो अतिक्रमण से यह कम प्रतीत हो रही है। यहां दो वाहन आपस में साइड नहीं ले सकते हैं। बाईपास के अभाव में यहां हर समय जाम की स्थिति रहती है। दुपहिया, चौपहिया वाहनों की बढ़ती संख्या से नित्य यातायात का दबाव बढ़ रहा है।पालिका बोर्ड ने कई बार राज्य सरकार को प्रस्ताव व विभाग ने बाईपास निर्माण का तखमीना तैयार कर भेजा लेकिन जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते आज तक यहां बाईपास स्वीकृत नहीं हो पाया।
हिचकोले भरा सफर
आखरिया-बसस्टेण्ड़, गाछवाड़ा से ब्रजभाटा चौक खस्ताहाल मार्ग का हिचकोले भरा सफर दर्द दे रहा है। जिम्मेदारों को अनदेखी की बजाय निष्ठा से जनता को किए वादों को पूरा कर जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
गुलाबशंकर बोहरा, जीवराज लुहार, मोहनलाल राठौड़, सादड़ी
अतिक्रमण हटना चाहिए
पालिका को रास्तों को अतिक्रमणमुक्त बनाना चाहिउ। पालिका शीघ्र वैडिंग, नॉन वैडिंग जोन की घोषणा करे। कार्रवाई करे जिससे अतिक्रमण का बढ़ावा नहीं मिले।
महेश कुमार, श्रवण माली, राजू माली, श्याम भाई, प्रवीण जाट, भावेश कुमार, भीमाराम चौधरी, सादड़ी
प्रस्ताव भिजवाएंगे
पालिका बोर्ड से इस बार बैठक में सर्वसम्मत प्रस्ताव लेकर भेजेंगे। शीघ्र ही मुण्डारा से देसूरी तक डबल लाइन सडक़ निर्माण एवं वांकलमाता से अम्बेडकरनगर तक सीमेन्ट सडक़ पटरी निर्माण की वित्तीय स्वीकृतियॉ मिले, इसके पूरे प्रयास करेंगे।
दिनेश मीणा, दूदाराम बावरी, ओमप्रकाश बोहरा, शंकर देवड़ा, सुरेश भाटी, मानाराम जाट, प्रकाश जाट, भावना, हेमलताकंवर, पार्षद पालिका बोर्ड, सादड़ी

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