रिफाइनरी के बाद यह औद्योगिक क्षेत्र मारवाड़ के लिए महत्वपूर्ण होगा। मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र कुल 3286.63 हैक्टेयर में प्रस्तावित है। प्रथम चरण में 641.88 हैक्टेयर पर उद्योग स्थापित किए जाएंगे। यहां कपड़ा, कृषि, खाद्य और इंजीनियरिंग से जुड़े उद्योग प्रमुख होंगे। खासियत यह होगी कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का औद्योगिक क्षेत्र होगा, जिसमें आवासीय और व्यावसायिक जोन होंगे। फायर स्टेशन, पार्किंग की अत्याधुनिक सुविधा भी होगी। इसका मास्टर प्लान तैयार किया जा चुका है। पर्यावरणीय स्वीकृति भी मिल चुकी है।
-परियोजना के लिए राजीव गांधी लिफ्ट नहर से 48 एमएलडी पानी की डीपीआर तैयार की गई है।
-बिजली आपूर्ति के लिए कांकांणी में 440/220 केवी सब स्टेशन प्रस्तावित है।
-परियोजना में पांच गांव-निंबली ब्राह्मणान, रोहट, दुदली, सिंगारी और डूंगरपुर शामिल है।
-पाली औद्योगिक शहर है। यहां कपड़ा, खनन, मेहंदी और कृषि आधारित उद्योग हैं। डीएमआईसी से पाली को सीधा फायदा मिलेगा।
-पाली में भी कई नए उद्योगों की संभावनाएं बढ़ेंगी। देश के बड़े निवेशक आएंगे।
-माल परिवहन का रास्ता पाली से होकर गुजरेगा।
-पाली के उद्योगों की पहचान देश के अन्य शहरों तक बढ़ेगी।
-केन्द्र व राज्य सरकारों का फोकस भी रहेगा।
-उद्यमियों को नए अवसर मिलेंगे। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
उच्च श्रेणी की कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार दिल्ली और मुम्बई के बीच डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर की स्थापना कर रहा है। इसकी कुल लंबाई 1504 किलोमीटर है। यह दादरी (उत्तरप्रदेश) से शुरू होकर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक जाएगा। इसका अधिकांश हिस्सा (38 प्रतिशत) राजस्थान से गुजरेगा। डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर के दोनों तरफ 150 किलोमीटर की पट्टी को दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रीयल काॅरिडोर के रूप में विकसित किया जाना है। इस परिधि में प्रदेश के 22 जिले शामिल होंगे। कॉरिडोर में औद्योगिक क्लस्टर, औद्योगिक पार्क, स्पेशल इकॉनोमिक जोन, औद्योगिक टाउनशिप समेत अन्य व्यापारिक व व्यावसायिक गतिविधियों को विश्व स्तरीय रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इसी परियोजना के प्रथम चरण में प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र -खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र एवं जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
रोहट में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र मारवाड़ ही नहीं समूचे प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। कई तरह के उद्योग लगेंगे। काफी बड़ा निवेश होगा। परियोजना पर काम चल रहा है। केन्द्र सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। केन्द्र व राज्य सरकार के निर्देश मिलने पर प्रथम चरण के विकास कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।
–पीके गुप्ता, क्षेत्रीय प्रबंधक, रीको