10 अक्टूबर से शुरूहोकर 13 अक्टूबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में बंदर प्रोजेक्ट से टेस्टिंग के दौरान रियो टिंटों द्वारा निकाले गए 2 हजार 761.6 कैरेट के हीरों को रखा गया है। ये हीरे जिस प्रदर प्रोजेक्ट की खदान से निकाले गए हैं वहां कंपनी ने 60 हजार करोड के हीरों का डिपॉजिट होने का अनुमान लगाया था। प्रदेश शासन अब इसी डायमंड ब्लॉक की नीलामी कर रहा है। इसमें शामिल चार कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा चार दिनों तक इनका अवलोकन किया जाएगा।
प्रदर्शनी के पहले दिन एनएमडीसी के वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने हीरों का अवलोकन किया था। शुक्रवार को दूसरे दिन अडानी ग्रपु के प्रतिनिधियों ने हीरा का अवलोकन किया। शनिवार को तीसरे दिवस एसएस माइनिंग एण्ड आदित्य बिडला गु्रप द्वारा हीरों का अवलोकन किया जाएगा। जबकि अंतिम दिन 33 अक्टूबर को बेदांता लिमिटेड के दल द्वारा हीरों का अवलोकन एवं अध्ययन किया जाएगा।
प्रशासन छतरपुर जिले में लगने वाली हीरा खदान के लिए कंपनियों की खूब आवभगत कर रहा है, जबकि इससे प्रत्यक्ष रूप से पन्ना जिले को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है। खनिज विभाग के अधिकारियों ने पूर्व में ही बता दिया है कि विभाग खजुराहो में डायमंड म्यूजियम बनाने जा रहा है। जहां एनएमडीसी, बंदर प्रोजेक्ट व पन्ना की उथली हीरा खदानों से मिलने वाले हीरों आधुनिक तरीके से डिस्प्ले करके नीलाम किया जाएगा।