इसके साथ ही गली-कुलियों में तो कई जगह बीच सड़क पर ही खंभे गड़े हैं। इससे थोड़ी सी लापरवाही कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। मामले को अभी तक जिम्मेदारों ने गंभीरता से नहीं लिया है। गौरतलब है कि नगर के मुख्य सड़कों को पूर्व में चौड़ा किया गया था। इसके कारण बिजली के खंभों को शिफ्ट किया गया था। इसके बाद भी मुख्य मार्गों पर अभी भी खंभे सड़कों के अंदर लगे हैं।
यहां तक कि ट्रांसफार्मरों को भी सड़क के हिस्से को काटकर लगाया गया है। अजयगढ़ चौक से कलेक्ट्रेट चौक और गांधी चौक तक जितने भी बिजली के खंभे गड़े हैं वे सभी सड़क के अंदर गड़े हैं, जबकि मास्टर प्लान के अनुसार इन खंभों को सड़क के बाद बने फुटपाथ के बाहर होना चाहिए। इनके कारण सड़क हादसों में इजाफा होता है।
बीच सड़क पर खंभा कुलियों में तो बीच सड़क पर ही खंभे लगा दिए गए हैं। डयमंड स्कूल से चित्रगुप्त मंदिर जाने वाले मार्ग में बीच सड़क पर ही खंभा लगा है। इसी तरह से धाम मोहल्ला में भी एक जगह पर बीच सड़क पर खंभा लगा है।
इसके अलावा स्कूलों के पास लगे ट्रांसफार्मरों के नीचे लगे कटाउट वाले हिस्से को भी कवर नहीं किया जाता है। हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। बिजली कंपनी व जिला प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
महिला की हो गई थी दर्दनाक मौत दो दिन पूर्व छतरपुर जिले के बकस्वाहा निवासी महिला बस में सफर करने के दौरान उल्टी आने पर सिर को बाहर निकाल रही थी तभी उसका सिर बिजली के खंभे से टकरा दो हिस्सों में बंट गया। इस हादसे के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेते हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश दीक्षित का कहना है कि मास्टर प्लान के अनुसार शहर की कुछ सड़कें चौड़ी हुई हैं। इसके बाद सभी मुख्य मार्गों पर लगे बिजली के खंभे सड़क पर गड़ा दिए गए हैं। इससे हादसे का कारण बन जाते हैं। बिजली कंपनी और जिला प्रशासन को मामले को गंभीरता पूर्वक लेना चाहिए। मैं जनहित से जुड़े इस गंभीर मामले को लोकोपयोगी लोक अदालत में रखूंगा।