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पारधियों संग की जंगल की सैर और बुंदेली व्यंजनों का उठाया लुत्फ

वॉक विथ पारधीज में देश के आधा दर्जन राज्यों के २४ पर्यटकों ने लिया हिस्सापारधी समाज के लोगों को विकास की मुख्य धारा से जाडऩे के लिए किए जा रहे प्रयास हो रहे फलीभूत

पन्नाDec 28, 2019 / 01:15 pm

Shashikant mishra

वॉक विथ पारधीज में शामिज देश के कई राज्यों से आये पर्यटक

वॉक विथ पारधीज में शामिज देश के कई राज्यों से आये पर्यटक।

पन्ना. शिकार के अंधेरे से निकलकर शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ रहे पारधी समाज के लोगों के लिए जहंा एक ओर पारधी छात्रावास मील का पत्थर शाबित हो रहा है वहीं दूसरी ओर वॉक विथ पारधीज कार्यक्रम उनके सपनों को नई दिशा देता दिख रहा है। पन्ना टाइगर रिजर्व और वन विभाग के सहयोग से लास्ट वाइल्डरनेश फाउंडेशन की ओर से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के तहत देश के आधा दर्जन राज्यों के २४ पर्यटकों ने वॉक विथ पारधीज कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पंगत में बैठकर दोना-पत्तल में बुंदेली व्यंजनों का भी उत्फ उठाया।
वॉक विथ पारधीज कार्यक्रम में जाउटिंग एक्सपिटीसंस, एफ-५ स्केप्श, उत्तराखंड, और फुटलूज जर्नीज पुणे के ग्रुप कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए हुए थे। रानीपुर गांव के ट्रेंड पारधी गाइडों द्वारा उन्हें रानीपुर फॉल, वंशीटुंग व्यू प्वाइंट, वल्चर प्वाइंट और रॉक पेंटिंग प्वाइंट आदि का भ्रमण कराया। यहां पारधियों ने वन्यप्राणियों की तरह-तरह की आवाजें निकालकर दिखाई। लेपर्ड ट्री और कुल्लू का पेड पर्यटकों के लिए खासे आकर्षण रहे। कुछ पर्यटकों ने गांव भी घूमा और ग्रामीणों की दिनचर्या को समझा। रानीपुर में मंदिर, रानीपुर किला के अवशेष, मस्जिद, प्राकृतिक जल्रोत, यहां का प्राणनाथ मंदिर आदि भी देखे। वॉक का कार्यक्रम सुबह ९ से १२ बजे तक और शाम को ३ से ५ बजे तक चला।
दोना-पत्तल में बुंदेली व्यंजन का लुत्फ
सुबह वॉक करने के बाद पर्यटकों के समूह के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था गांव में ही की गई थी। यहां उन्हें पंगल में बैठाया गया और दिल के आकार वाले महलौन के पत्तों में ऑवला, अदरक हरी धनियां और अमरूद आदि की चटनी परोसी गई। इसके साथ ज्वार-बाजारा-मक्का के आटे की देशी घी लगी गरमागरम चूल्हे में बनी रोटियां ,चने की भाजी , आलू-भटा का भर्ता और पुराने चावलकी खीर परोई गई। चूल्हे में बने इस इस देशी स्वादिस्ट व्यंजन को पयटकों ने बड़े ही चाव के साथ खाया। नास्ते में मिले गरमागरम भजिये और चाय का स्वाद भी पर्यटकों को बहुत भाया।
पारधी समाज को मुख्य धारा से जोडऩे का प्रयास
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से लगे संवेदनशील पारधी बहुल ग्राम रानीपुर के पारधी समाज के ५ युवाओं को गाइड की ट्रेनिंग दिलाई गई थी। इसी प्रकार से चार महिलाओं को होटल ताज सफारी पाषणगढ़ से भोजन पकाने की ट्रेनिंग दिलाई गई। यही लोग पर्यटकों को जंगल की सैर कराने के साथ ही उनके भोजन आदि की व्यवस्था कर रहे हंै। स्थानीय स्तर पर इसको इंद्रभान सिंह बुंदेला क्वार्डिनेट कर रहे हैं। जबकि विद्या व्यंकटेश इसकी डायरेक्टर और भावना मेनन प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। फील्ड क्वार्डिनेटर इंद्रभान सिंह बुंदेला ने बताया, शिकारी होने का कलंक लेकर जीवने वाले पारधी समाज को विकास की मुख्य धारा से जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। इनके बच्चे छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं और इन्हें पर्यटन से जोड़कर रोजगार दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे ये वन्य प्राणियों के भक्षक के बजाए उसके संरक्षक की भूमिका निभाने लगें।

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