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लोम हर्ष को बुक अ मैन विद व्हाइट कोट के लिए मिला अवॉर्ड

- एनई8एक्स के लिटरेचर फेस्टिवल में नॉमिनेट हुई बुक

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लोम हर्ष को बुक अ मैन विद व्हाइट कोट के लिए मिला अवॉर्ड

,,लोम हर्ष को बुक अ मैन विद व्हाइट कोट के लिए मिला अवॉर्ड

जयपुर. बॉलीवुड फिल्म मेकर लोम हर्ष की हाल ही में आई बुक अ मैन विद व्हाइट कोट के लिए 2022 का इंस्पायरिंग इंडियन अवाॅर्ड मिला है। इसी के साथ-साथ उनकी यह बुक एनई8एक्स के लिटरेचर फेस्टिवल में नॉमिनेट भी हुई है। लोम हर्ष ने यह बुक अ मैन विद व्हाइट कोट दुनियाभर के डॉक्टर्स को डेडिकेट की है। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक डॉ. सुनील कुमार गरसा और कई अन्य डॉक्टरों की यात्रा पर आधारित है, जो मानवता की खातिर अपने व्यक्तिगत हितों का बलिदान करने को तैयार हैं। डॉ. सुनील कुमार ने 1994 में अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने जयपुर, राजस्थान में एसएमएस मेडिकल से एमबीबीएस किया था। ड्यूटी शुरू होते ही डॉ. सुनील कुमार गरसा ने 3500 से अधिक सफल हृदय प्रक्रियाएं की। अपनी यात्रा में अब तक ये आंकड़े अपने आप में एक उपलब्धि हैं।

छोटे से गांव से शुरू हुआ सफर

लोम ने बताया कि यह बुक एक छोटे गांव के लड़के का डॉक्टर बनने के सफर और उसकी जिंदगी में आए उतार-चढ़ाव की कहानी को दर्शाती है। इसमें एक लड़के सुनील की कहानी है जो एक गांव से शुरू होती है जहां उसे अपने स्कूल में उसे पता चलता है कि डॉक्टर भगवान का रूप होता है। एक दिन उसकी मां बीमार पड़ गई और वह डॉक्टर को बुलाने गया जहाँ उसने देखा कि लोग डॉक्टर को किस तरह अपनी जिंदगी बचाने के लिए धन्यवाद दे रहे थे। इससे उसका फैसला और मजबूत हुआ। उस छोटे से गांव में पर्याप्त सुविधाएं न होने के कारण वह बाहर पढ़ने जाता है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होते हुए भी वो दो-दो परीक्षाएं देने का फैसला करता है, ताकि वो अपने गांव से बाहर निकल सके और अपने डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सके और इस रास्ते पर उसे काफी सारी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।

लोम की दूसरी बुक

अ मैन विद व्हाइट कोट लोम हर्ष की दूसरी बुक है। इस से पहले इनकी बुक द बर्निंग मैन भी आ चुकी है। इसके लिए भी लोम हर्ष को साहित्यकोष सम्मान, टैगोर कमेमोरेटिव अवाॅर्ड्स मिल चुके हैं। इससे पहले उन्होंने ये है इंडिया फीचर फिल्म, चिकन बिरयानी शॉर्ट फिल्म्स एवं मैं उड़ना चाहती हूं, चल बंदिया, बेबाक परिंदे जैसे मोटिवेशनल सॉन्ग निर्देशित कर चुके है। ये है इंडिया के लिए उन्हें अमरीका में बेस्ट डायरेक्टर एवं बेस्ट फिल्म का अवाॅर्ड मिल चुका है। उनकी फिल्म ये है इंडिया कांस फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित हो चुकी है। लोम हर्ष को सिनेमा जगत में दिए योगदान के लिए संसद भवन में यूपीएफ और यूएन की ओर से यूथ एम्बेसेडर ऑफ पीस अवाॅर्ड से समानित किया जा चुका है।


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