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प्रेगनेंसी में भूलकर भी न खाएं ये 10 चीजें, बढ़ सकता है अबॉर्शन का खतरा

ज्यादा पके हुए फल और मसालेदार भोजन से गर्भावस्था में हो सकती है परेशानी

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हर औरत का सपना मां बनने का होता है। तभी तो स्त्री हर तकलीफ सहकर नौ माह अपनी कोख में बच्चे को रखकर उसे जन्म देती है। प्रेगनेंट होना हर महिला के लिए एक अद्भुत सुख की प्राप्ति होती है। मगर कई बार जाने—अनजाने खाई गई कुछ चीजें गर्भावस्था के लिए खतरनाक हो सकती हैं। तो कौन—सी हैं वो चीजें आइए जानते हैं।

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यूं तो सेहतमंद रहने के लिए पपीता बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। पेट के लिए कच्चा पपीता भी फायदेमंद होता है। मगर प्रेगनेंसी के तीसरे और अंतिम तिमाही के समय तक कभी भी कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए। ये गर्भावस्था में दिक्कत पैदा कर सकते हैं।

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गर्भावस्था के दौरान कॉफी भी नहीं पीनी चाहिए। क्योंकि इसमें मौजूद कैफीन में डाइयूरेटिक नामक तत्व होता है। यह शरीर से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में द्रव्यों को बाहर निकालने का काम करता है। इस वजह से शरीर में पानी और कैल्शियम की भारी कमी हो जाती है।

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प्रेगनेंसी में अंगूर भी नहीं खाने चाहिए। क्योंकि इसकी तासीर गरम होती है। ऐसे में असमय प्रसव पीड़ा हो सकती है। कई बार ज्यादा कॉम्पलिकेशन होने से अबॉर्शन का भी खतरा हो जाता है।

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गर्भावस्था में सॉफ्ट ड्रिंक्स कभी नहीं पीना चाहिए। इससे गर्भाशय में पलने वाले भ्रूण का विकास सही से नहीं हो पाता है। इससे भविष्य में जन्म लेने वाले बच्चे को बचपन से ही खराब पाचन की समस्या रहती है।

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प्रेंगनेंसी में ज्वार का रस भी बहुत नुकसानदायक होता है। क्योंकि इसमें बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। इसके सेवन से गर्भवती स्त्री को उल्टी एवं डायरिया की दिक्कत हो सकती है। इससे गर्भपात होने का भी खतरा रहता है।

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प्रेगनेंसी में महिला को प्रोटीन एवं विटामिन्स ज्यादा लेने को कहा जाता है, जिससे बच्चे का अच्छे से विकास हो सकें और सी फूड इसका बेहतरीन जरिया है। मगर गर्भावस्था में केकडा, शार्क और सलमोन मछली नहीं खानी चाहिए। क्योंकि इनमें मरकरी की मात्रा ज्यादा होती है। इससे बच्चे के मस्तिष्क पर प्रभाव पड सकता है।

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गर्भावस्था में तिल का ज्यादा सेवन भी नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि इसकी प्रकृति गर्म होती है। इससे स्त्री के शरीर का संतुलन ख्रराब होता है। उसे सांस लेने में तकलीफ एवं थकान लगने जेसी परेशानियां हो सकती हैं।

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इस अवस्था में महिला को ज्यादा तला—भुना, मसालेदार एवं कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। इससे फैट बढता है और लिवर की भी दिक्कत रहती है। इससे होने वाले बच्चे को भी पाचन संबंधित समस्या हो सकती है।

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प्रेगनेंसी में ज्यादा पके हुए फल जैसे—आम, पपीता आदि नहीं खाना चाहिए। क्योंकि ज्यादा पकने के कारण इनमें बैक्टीरिया के पनपने की आशंका होती है। ऐसे में ये चीजें खाने से संक्रमण हो सकता है। इससे भू्रण के विकास में भी बाधा आ सकती है।