
सावन के महीने में सभी भक्त शिव जी की आराधना में लगे रहते हैं। लोग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान भोलेनाथ का ध्यान एवं पूजन करते हैं। इस दौरान कई लोग शिवलिंग पर विशेष चीजें भी चढ़ाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है अनजाने में अर्पित की गई कुछ चीजें शुभ की जगह अशुभ फल दे सकती हैं। तो कौन—सी हैं वो चीजें आइए देखते हैं।

यूं तो सभी पूजन में पुष्प चढ़ाना अच्छा माना जाता है, लेकिन शिवलिंग पर कभी भी केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार एक बार केतकी के फूल ने भगवान ब्रह्मा के कहने पर शिवजी के सामने झूठी गवाही दी थी। इसी बात से क्रोधित होकर भगवान शिव ने केतकी के फूल को अपनी पूजा में वर्जित कर दिया था। इसलिए केतकी का पुष्प अर्पित करने से शुभ की जगह अशुभ फल मिलने लगते हैं।

मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिव जी का अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है। मगर शिव जी के अभिषेक में इस्तेमाल की गई चीजें कभी खानी नहीं चाहिए। शिवलिंग पर भूलकर भी नारियल का जल नहीं अर्पित करना चाहिए। क्योंकि इसका प्रसाद ग्रहण नहीं किया जा सकता है। महिलाओं के लिए तो ये खासतौर पर वर्जित है।

यूं तो भगवान विष्णु की पूजा में बिना तुलसी के पत्तों के पूजा अधूरी रहती है, लेकिन वहीं शिवलिंग पर इसे चढ़ाना अच्छा नहीं माना जाता है। ग्शिवपुराण के अनुसार एक समय देवी तुलसी, असुर जालंधर की पत्नी थीं। जालंधर का वध करने के लिए तुलसी के पतिधर्म का खंडन करना जरुरी था। ऐसे में महादेव की सहायता करने के लिए भगवान विष्णु ने तुलसी का पतिव्रत भंग कर दिया। इसी छल से क्रोधित होकर तुलसी ने प्रण लिया कि उसका प्रयोग शिवजी की पूजा में कभी नहीं किया जाएगा। ऐसा करने से भक्त को अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। इससे उसकी किस्मत फूट सकती है।

शिवलिंग पर कभी सिंदूर भी नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि ये सुहागनों की निशानी होती है। जबकि भगवान शिव वैरागी हैं। ऐसे में उन्हें कुमकुम लगाने से सौभाग्य की जगह अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए चावल के दाने चढ़ाएं जाते हैं, लेकिन पूजन में कभी भी ये खंडित यानि टूटे हुए नहीं होने चाहिए। कयोंकि शास्त्रों के अनुसार टूटा हुआ चावल अशुद्ध एवं अपूर्ण माना जाता है। इसे अर्पित करने से पूजन का फल नहीं मिलता है।

शिवलिंग पर कभी हल्दी भी नहीं चढ़ानी चाहिए, क्योंकि शिवलिंग पौरुष का प्रतीक है। जबकि हल्दी स्त्री की सुंदरता को निखारने में मदद करता है। ऐसे में शिवलिंग पर ये भेंट करना उचित नहीं रहता है।

ज्यादातर पूजन में भगवान को शंख से जल अर्पण किया जाता है। मगर शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नहीं देना चाहिए। क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था और शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है। वो भगवान विष्णु का परम भक्त था।

भोलेनाथ को वैसे भस्म बहुत पसंद है। इसलिए इसे भेंट करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, लेकिन महिलाओं को कभी भी शिवलिंग पर भांग नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि शिव जी वैरागी है, उन्हें ग्रहस्थ जीवन से दूर रहना पसंद है। ऐसे में महिलाओं को इसे अर्पित नहीं करना चाहिए।

कई लोग शिव जी को जल अर्पित करते समय दूध व जल में काले तिल डालकर चढ़ाते हैं, लेकिन शिवलिंग पर कभी इसे नहीं चढ़ाना चाहिए। दरअसल तिल को भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है इसलिए इसे भोलेनाथ को अर्पित नहीं करना चाहिए।