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उत्तराखंड (Uttarakhand) में स्थित चार धामों (Char Dham Yatra) में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट शीत काल के लिए शनिवार, 19 नवंबर को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की दशमी को बंद किए जाने हैं। इस संबंध में बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) मंदिर समिति की ओर से पूर्व में ही निर्णय लिया जा चुका है।
शनिवार, 19 नवंबर को अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। इसके साथ ही द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शुक्रवार 18 नवंबर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट सात नवंबर को बंद होंगे। बता दें कि विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी के अवसर पर विधि-विधान पंचाग गणना के पश्चात तय हुई थी।
वहीं हेमकुंड साहिब तथा लोकपाल तीर्थ के कपाट शीतकाल के लिए सोमवार, 10 अक्टूबर को बंद हो रहे हैं।
दरअसल विश्व प्रसिद्ध श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी के अवसर पर विधि-विधान से पंचाग गणना के पश्चात तय हुई. इससे पूर्व मंदिर परिसर मैं नवरात्रि के दौरान नौ दिन तक मां उर्वशी पूजा संपन्न हुई. जिसका कल विजया दशमी में समापन हुआ।
केदारनाथ धाम 27 अक्टूबर को हुए बंद
इससे पूर्व केदारनाथ, गंगोत्री व यमनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जा चुके हैं। दरअसल भैया दूज के पावन पर्व पर 27 अक्टूबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट आज से बंद हो गए। शुक्रवार को सुबह 8:30 बजे से केदारनाथ धाम के कपाट बंद किए गए। इसकी तैयारियों के क्रम में बुधवार को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से श्री केदारनाथ मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित किया गया। बुधवार को बाबा केदार की भोग मूर्तियों को चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान किया गया। इसके बाद विधि विधान से बाबा की डोली को मंदिर के सभामंडप में रखा गया।
इसके बाद शनिवार, 29 अक्तूबर को डोली अपने शीतकालीन पूजा गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई। इसके अलावा यमुनोत्री धाम के कपाट भी विधि विधान से इसी दिन दोपहर 12:09 बजे बंद किए गए। इसके बाद यमुना माता की डोली ने मायके खरसाली के लिए प्रस्थान किया।
Published on:
03 Nov 2022 08:27 pm
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