मां शीतला के भय से ही
औरंगजेब जैसे कट्टर मुस्लिम बादशाह ने भी हार मान ली थी। उसने यहां पर माता के
मन्दिर के लिए भूमि उपलब्ध कराई थी, जिस पर बाद में भव्य मंदिर का निर्माण किया
गया। कौशाम्बी देवी के दरबार में श्रद्धालु नारियल, बताशा, चुनरी, ध्वज पताका एवं
निशान के अलावा आभूषण एवं वस्त्र भेंटकर मन्नते मांगते हैं।