कहा जाता जिसने ईश्वर को जान लिया, पहचान लिया उन्हें उस परम पिता की पूजा आराधना करने के लिए किसी स्थुल पदार्थों की आवश्यकता नहीं होता । फिर चाहे वह मनुष्य हो या अन्य कोई प्राणी । जी हां ऐसा अद्भूत नजारा उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की आरती के समय देखने को मिलता हैं । नीचे गर्भ ग्रह में भगवान की आरती होती है और उपर मंदिर के चारों ओर एक दो नहीं हजारों की संख्या में पक्षियों का दल परिक्रमा करता हैं ।