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दुनिया में तबाही मचाने वाला भगवान परशुराम का फरसा आज भी यहां है मौजूद

दुनिया में तबाही मचाने वाला भगवान परशुराम का फरसा आज भी यहां है मौजूद

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भोपाल

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Pawan Tiwari

Apr 30, 2019

parshuram

दुनिया में तबाही मचाने वाला भगवान परशुराम का फरसा आज भी यहां है मौजूद

सभ्यता और संस्कृति से भरे हुए भारतवर्ष में बहुत सी घटनाएं जो पुराणों और वेदों वर्णित है, वह आज भी कहीं न कहीं दिख ही जाती है। जी हां, द्वापर युग में फरसा के बल पर दुनिया में तबाही मचाने वाला भगवान परशुराम का फरसा आज भी मौजूद है। भगवान परशुराम ने इसी फरसा से तीन बार पूरी पृथ्वी से क्षत्रियों का नाश किया था।

वह फरसा झारखंड राज्य के टांगीनाथ में गड़ा हुआ है। टांगीनाथ धाम गुमला शहर से लगभग 75 किमी दूर है जबकि राजधानी से रांची से 150 किमी दूर है। दरअसल, झारखंड में फरसा को टांगी कहा जाता है। यही कारण है कि इस स्थान का नाम टांगीनाथ धाम पड़ गया। बताया जाता है कि आज भी भगवान परशुराम के पद चिह्न मौजूद है। कहा जाता है कि भगवान परशुराम ने यहां तपस्या की थी।

यहां कैसे पहुंचे भगवान परशुराम

कहा जाता है कि राजा जनक द्वारा आयोजित स्वयंबर में जब राम ने भगवान शिव का धनुष तोड़ दिया था, तब भगवान परशुराम वहां क्रोधित होकर पहुंचे थे और राम को शिव का धनुष तोड़ने पर बुरा-भला कहा था। परशुराम की बातों को सुनकर राम चुप रहे। इस दौरान लक्ष्मण भगवान परशुराम से बहस करने लगे। कुछ देर बाद जब परशुराम को ज्ञात हुआ कि राम भी विष्णु के आवतार हैं तो वो बहुत लज्जित हुए और वहां से निकलकर घने जंगलों के बीच पहुंच गए। यहां पर वे फरसा गाड़ कर भगवान शिव की स्थापना की और तपस्या करने लगे।

15 किमी की परिधि में नहीं रहते लोहार

कहा जाता है कि एक बार लोहार जाति के कुछ लोगों ने फरसे को काटने की कोशिश की थी, लेकिन वे फरसे को नहीं काट सके। लोग बताते हैं कि इस दुस्साहस की कीमत उन्हें चुकानी पड़ी और अपने आप मरने लगे। इस डर से लोहार जाति ने उस इलाके को छोड़ कर दूसरे जगह चले गए। लोग बताते हैं कि आज भी 15 किमी की परिधि में लोहार जाति के लोग नहीं बसते हैं।


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