
hindu marriage muhurat
इस बार देव प्रबोधिनी एकादशी (देवउठनी ग्यारस) से देव जागने के बाद भी मांगलिक कार्य शुरू नहीं होंगे। इतना ही नहीं, गुरु व शुक्र अस्त के कारण शेष आधे वर्ष में विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए लोगों को केवल २० ही दिन मिलेंगे। गुरु, शुक्र अस्त, मलमास, होलाष्टक आदि कारणों से लम्बे समय तक शादियां रुकी रहेंगी।
देव प्रबोधिनी एकादशी के बाद भी शुरू नहीं होंगे विवाह
पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि १० अक्टूबर से गुरु अस्त हो जाएंगे। इसके बाद ३१ अक्टूबर को देव प्रबोधिनी एकादशी से देव जागेंगे। इस दिन स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त रहेगा। आगामी ११ नवंबर को गुरु उदय होने के बाद विवाह शुरू होंगे लेकिन पहला सावा १९ नवंबर का रहेगा।
मलमास के बाद अस्त होंगे शुक्र
इसके बाद १४ दिसम्बर से मलमास लगेगा। १४ जनवरी को मकर संक्रांति के दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास खत्म हो जाएगा लेकिन शुक्र अस्त हो जाएगा। शुक्र एक दिन पहले १३ तारीख को ही मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा।
किस माह में - किस दिन सावे
नवंबर - १९, २३, २८, २९, ३०
दिसम्बर - १, ३, ४, १०, ११, १३
फरवरी २०१८ - ६, ७, १७, २०
मार्च २०१८ - ३, ६, ८
इनमें से पांच सावे दिन के हैं, जिन पर अमूमन कम शादियां होती हैं
ये रहेंगे अबूझ मुहूर्त
देव प्रबोधिनी एकादशी - ३१ अक्टूबर
बसंत पंचमी - २२ जनवरी
ऐसे में इस बार विवाह आदि के लिए शुभ मुहूर्त कम ही बन पा रहे हैं। हालांकि अन्य शुभ कार्य यथा हवन, पूजन, गृह प्रवेश आदि कार्य करने के लिए अच्छे मुहूर्त बन रहे हैं। इसमें भी मलमास होने के चलते कई अच्छे मुहूर्त टाले जाएंगे। मलमास के बाद एक बार फिर से शुभ कार्य किए जा सकेंगे। इस समयावधि के दौरान अति आवश्यकता होने पर विद्वान पंड़ितों के साथ विचार-विमर्श कर कार्य किए जा सकते हैं।
Updated on:
09 Oct 2017 02:04 pm
Published on:
09 Oct 2017 12:10 pm
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