केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा लखीमपुर के तिकुनिया के रहने वाले हैं। उनके इलाके में टेनी का इतना खौफ है कि कोई भी उनके खिलाफ खुलकर बोलने को तैयार नहीं होता। राजनीति में आने से पहले अजय मिश्रा टेनी की पहचान एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी की थी। उनके खिलाफ तस्करी से लेकर हत्या तक के तमाम मामले दर्ज हुए थे। हालाँकि, हाईकोर्ट के आदेश पर साल 1996 में टेनी की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी गई थी।
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जानिए अजय मिश्रा पर कब-कब दर्ज हुआ केस5 अगस्त 1990 को तिकुनिया थाने में अजय मिश्रा के साथ 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। उन पर हथियारों से लैस होकर मारपीट का आरोप लगाया गया था।
अजय मिश्रा पर 2005 और 2007 के मारपीट के मुकदमों में अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भी नामजद था। अजय मिश्रा पर दर्ज चार गंभीर मुकदमों में सबसे गंभीर मुकदमा प्रभात गुप्ता मर्डर केस ही था। हत्या के इस मुकदमे में अजय मिश्रा लोअर कोर्ट से बरी कर दिए गए। इत्तेफाक था कि 29 जून 2004 सुनवाई करने वाले जज ने अजय मिश्रा को हत्या के मुकदमे में बरी किया और 30 जून को जज साहब का रिटायरमेंट हो गया। परिवार ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में अपील दायर की। जिस पर कोर्ट ने आज फैसला सुनाया।