2004 में यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पहुंचा। तब से अब तक लखनऊ बेंच ने हत्याकांड में 3 बार फैसला सुरक्षित रखा, लेकिन फैसला नहीं आ पाया। आज जस्टिस AR मसूदी और OP शुक्ला की बेंच ने केस पर फैसला दिया है।
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दिन- दहाडे़ प्रभात को मारी गई थी गोलीदरअसल, 2000 में जिला पंचायत चुनाव के दौरान तिकुनिया में बीच बाजार लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता प्रभात गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मोटरसाइकिल पर सवार चार हमलावर ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद फरार हो गए थे।
प्रभात गुप्ता तिकुनिया के रहने वाले थे। पास के बनवारीपुर गांव में अजय मिश्र टेनी रहते थे। दोनों के बीच सियासी रंजिश थी और आपस में विरोध भी था। प्रभात हत्याकांड के बाद अजय मिश्र टेनी पर हत्या कराने का आरोप लगा। इसके बाद अजय मिश्र टेनी समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर होने के कारण जिला जज ने सभी की जमानत खारिज कर दी।
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जिला जज की अदालत में 2003 में हुए पेशमामले में 25 जून 2003 को अजय मिश्र टेनी जिला जज चंद्रमा सिंह की अदालत में हाजिर हुए। इसके बाद अभियोजन पक्ष ने उनकी तरफ से सुनवाई के लिए पांच दिन का समय मांगा, लेकिन, उनकी अर्जी नामंजूर कर दी गई। अदालत ने अभियुक्त के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल होने का हवाला दिया।