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अस्पताल में हुआ लाश का इलाज, शुरू हुई जांच, देखें वीडियो

locationपीलीभीतPublished: Jul 20, 2019 04:07:06 pm

Submitted by:

suchita mishra

-इलाज के नाम पर पैसें ऐँठने का आरोप
-डीएम और सीएमओ ने बैठाई जांच
-अस्पताल ने आरोपों को नकारा

CMO Pilibhit

CMO Pilibhit

पीलीभीत। मैकूलाल वीरेन्द्रनाथ अस्पताल पर आरोप है कि उसने लाश (Dead body) का इलाज किया। इलाज के नाम पर पैसे ऐंठ लिए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Post mortem report) में भी मौत इलाज से पहले सिद्ध हो चुकी है। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Chief Medical Officer) ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। जिलाधिकारी (District Magistrate) ने भी जांच बैठाई है। अस्पताल संचालक ने आरोपों को निराधार बताया है।
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ये है मामला

शहर स्थित मैकूलाल वीरेंद्रनाथ अस्पताल में पूरनपुर के ग्राम सिकराना निवासी राजू को गंभीर रूप से घायल अवस्था में परिजनों ने सात जून, 2019 की रात करीब एक बजे भर्ती कराया था। डाक्टरों ने भर्ती कराने से पहले ही इलाज कराने के एग्रीमेंट पेपर पर दस्तखत करा लिए थे। आरोप है डॉ. योगेंद्रनाथ मिश्रा ने हालत गंभीर बताकर चालीस हजार रुपये जमा कराए। इसके बाद आईसीयू (Intensive care Unit) वार्ड में वेंटिलेटर (Ventilator) पर राजू को रखने की बात कही। पत्नी शारदा देवी के मुताबिक सुबह करीब नौ बजे जब वह पति राजू को देखने पहुंचे तो उनकी ऑख पर पट्टी व टेप लगा था। इससे परिजनों को राजू की मौत का पता चल चुका था। उन्होंने डाक्टर से राजू की छुट्टी करने की बात कही। इस पर डॉ. योगेंद्रनाथ ने राजू की गंभीर हालत बताते हुए 72 घंटे से पहले छुट्टी करने से इनकार कर दिया। परिजनों के जोर देने पर हालत बेहद गंभीर बताकर हायर सेंटर का रेफर कर दिया। दोपहर करीब 12 बजे राजू को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजनों की मानें तो वेंटिलेटर हटाते ही मरीज मृत पाया गया। डॉक्टर ने उसी हाल में मरीज को रेफर कर दिया।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट
शव का दोपहर करीब तीन बजे पोस्टमार्टम कराया गया। पीएम रिपोर्ट में राजू की मौत 12 से 24 घंटे पहले होने की बात साफ हुई है। परिजनों के मुताबिक एक लाख रुपये उनसे ऐंठ लिए गए। भीम आर्मी सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी और जिलाध्यक्ष महेंदपाल ने मृतक के परिजनों संग गुरुवार को मामले की शिकायत डीएम (District magistrate pilibhit) व सीएमओ (Chief medical officer) से की। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने एसडीएम सदर और सीएमओ ने तीन सदस्यीय डॉक्टर की टीम जांच के लिए गठित कर दी है।
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क्या कहते हैं अस्पताल संचालक योगेंद्र मिश्रा
जब मामले में जानकारी के लिए डॉ. योगेंद्र नाथ मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया देर रात अंतिम सांसे लेते हुए मरीज को भर्ती कराया गया था। तीन अस्पतालों ने मरीज को भर्ती करने के लिए पहले ही मना कर दिया था। परिजनों की जेब में एक भी रुपया नहीं था। फिर भी मरीज को भर्ती कर लिया गया। जैसा कि प्रावधान होता है कि ब्रेन डेड पेशेंट को 72 घंटे के लिए वेंटिलेटर पर ट्रायल दिया जाता है, वही किया गया। परिजनों ने 12 घंटे बाद ही वेंटीलेटर हटाने की बात कही, जिस पर मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। परिजनों द्वारा लगाए सभी आरोप निराधार हैं।
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तीन डॉक्टरों की समिति करेगी जांचः सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सीमा अग्रवाल ने कहा- मैकूलाल अस्पताल के डॉ. योगेंद्रनाथ पर राजू की मौत के बाद भी उसका इलाज कर रुपये ऐंठने के गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सौंपी गई। इसके आधार पर मामले की जांच के एसीएमओ की अध्यक्षता में तीन डॉक्टरों की समिति का गठन कर दिया गया है।
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