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शाहडोल

68 करोड़ से बनी 40 किलोमीटर लंबी सड़क, अब शोल्डर के लिए 1 करोड़ 70 लाख की डिमांड

मप्र-छत्तीसगढ़ की सीमा को जोड़ने वाली 68 करोड़ की लागत से बनी 40 किलोमीटर लम्बी सीसी सड़क नगरीय क्षेत्र अनूपपुर में बेहाल है।

शाहडोलJul 06, 2022 / 03:52 pm

Subodh Tripathi

68 करोड़ से बनी 40 किलोमीटर लंबी सड़क, अब शोल्डर के लिए 1 करोड़ 70 लाख की डिमांड

68 करोड़ से बनी 40 किलोमीटर लंबी सड़क, अब शोल्डर के लिए 1 करोड़ 70 लाख की डिमांड

अनूपपुर. मप्र-छत्तीसगढ़ की सीमा को जोड़ने वाली 68 करोड़ की लागत से बनी 40 किलोमीटर लम्बी सीसी सड़क नगरीय क्षेत्र अनूपपुर में बेहाल है। नगरीय सीमा के भीतर लगभग दो किलोमीटर लम्बी सड़क के दोनों छोर पर आजतक शोल्डर नहीं बनाए जा सके हैं। यहां लगभग 3 फीट से अधिक चौड़ा शोल्डर जगह जगह गड्ढो और दलदल में तब्दील है, जहां मार्ग से गुजरने वाली भारी वाहनों के साइड लेने के दौरान हादसों की आशंका बनी रहती है।

बारिश के सीजन में यह दोनों छोर पानी और कचरे से भरे रहते हैं। जो आवासीय निवास करने नागरिकों के साथ व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालित करने वाले व्यवसायियों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। इसे देखते हुए पूर्व में पीडब्ल्यूडी विभाग ने 1 करोड़ 70 लाख की प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन शासन ने पूर्व में ही हुए खर्चो को देखते हुए कोई स्वीकृति नहीं प्रदान की है। जिसके बाद अब अनूपपुर नगरीय क्षेत्र के भीतर बेहाल शोल्डर पर कोई मरहम की लेप नहीं चढ़ पाएगी। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि 68 करोड़ की लागत से जिस सड़क का निर्माण कार्य जहां से आरंभ हुआ था, वह सड़क सबसे अधिक उसी स्थान पर बदहाल बनी रह गई।

पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी का कहना है कि तत्कालीन कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने पीडब्ल्यूडी विभाग को शोल्डर पर पेवर-ब्लॉक लगाने के इस्टीमेंट तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए थे।

जिसमें विधायक अनूपपुर बिसाहूलाल सिंह ने भी खनिज मद से कार्य कराने के निर्देश दिए थे। इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने 1 करोड़ 70 लाख की लागत का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था।

इसमें अमरकंटक तिराहा से तिपाननदी तट(तुलसी महाविद्यालय) तक पेवर ब्लॉक बिछाया जाता। लेकिन तीन साल बाद भी अब तक भेजे गए प्रस्ताव पर शासन ने स्वीकृति नहीं प्रदान की है। वहीं इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने भी दोबारा संज्ञान नहीं लिया। जिसके कारण शोल्डर के प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चले गए।

57 करोड़ की परियोजना पर 68 करोड़ खर्चसूखा नाला, सड़क पर बारिश का पानी

दो किलोमीटर की 33 फीट चौड़ी सड़क के दोनों छोर पर नाला जो कहीं बनाया गया है तो कहीं छोड़ दिया गया है। न्यायालय के सामने से लेकर तुलसी महाविद्यालय तक लगभग आधा किलोमीटर में न तो नाला बनाया गया है और ना ही पानी निकासी की व्यवस्था बनाई गई है। यहां मार्ग पर बारहो मास पानी का बहाव बना रहता है।

विभागीय अधिकारी का कहना है कि ठेकेदार ने अपने पूर्व निर्धारित बजट के आधार पर सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया है। इसमें बिजली, शोल्डर, और अन्य कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी और नगरपालिका को निर्देशित किए गए थे। लेकिन बजट हीं नहीं आवंटित होने के कारण सारी योजनाएं जस के तस धरे रह गए। अधिकारियों का मानना है कि पूर्व में अनूपपुर-वेंकटनगर तक लगभग 40.600 मीटर लम्बी सीसी सड़क निर्माण के लिए शासन ने 57 करोड़ की राशि स्वीकृत की थी। इसके कार्य आरम्भ की तिथि 29 जनवरी 2016 से कार्य समाप्ति 17 नवम्बर 2017 तक तय की गई थी। लेकिन यहां ठेकेदार की मनमानी और धीमी रफ्तार में समय पर काम पूरा नहीं हो सका। इसके बाद ठेकेदार ने बजट कम पड़ने की बात कहते हुए अतिरिक्त 11 करोड़ और स्वीकृत करा लिया। इसे देखते हुए बाद के प्रस्ताव पर शासन ने मुंह फेर लिया है।

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सड़क का काम तो पूरा हो गया है, लेकिन शोल्डर नहीं बने हैं। ठेकेदार और विभाग से जानकारी लेकर देखता हूं कि क्या कोई इस्टीमेंट है जिससे व्यवस्था बनाई जा सकती हो।

-एनके परते, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी विभाग अनूपपुर।

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