जानकारी के मुताबिक, सुखदेव सिंह ने गुरुवार को अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को भेज दिया था। वहीं, शुक्रवार को सुखदेव सिंह ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को भेजा। अकाली दल नेतृत्व ने इस दिशा में बहुत पहले ही बदलाव करने की बात कही है।
दरअसल संगरूर इलाके से संबंध रखने वाले वरिष्ठ शिरोमणि अकाली दल नेता सुखदेव सिंह ढींडसा अप्रैल 2010 से राज्यसभा में सांसद हैं। पिछले कुछ दिनों से वह पार्टी के नेतृत्व में हुए बदलाव को लेकर काफी समय से नाराज चल रहे हैं। सितंबर 2018 में उन्होंने राज्यसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया था। भले ही ढींडसा ने त्यागपत्र की वजह अपनी सेहत की खराबी को बताया था, लेकिन प्रदेश में उनके इस फैसले की खासी चर्चा रही थी।
यहां तक कि मई 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के वक्त भी उन्होंने अकाली दल के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया था। अब देखना यह है कि अकाली दल का नेतृत्व सुखदेव सिंह को मनाती है या फिर नए विकल्प का तलाश किया जाएगा।