अरुण शौरी ने मोदी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि नोटबंदी के जरिए कोई कालाधन नहीं रुका है, बल्कि कालेधन को सफेद किया गया है। इस दौरान उन्होंने आरबीआई की उस जानकारी के बारे में भी बताया, जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के बाद 99 फीसदी लोगों ने बैंकों में पुराने नोट बैंक में जमा होने की बात कही गई थी।
इसके अलावा उन्होंने जीएसटी को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सरकार का जीएसटी लाने वाला कदम भी गलत था। उन्होंने कहा, ‘इस वक्त देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और यह संकट जीएसटी की वजह से पैदा हुआ है’।
अरुण शौरी ने जीएसटी को लागू करने का फैसला जल्दबाजी और नासमझी भरा बताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी में बड़ी खामियां हैं, यही वजह है कि सरकार को कई बार इसके नियमों में बदलाव करने पड़े। शौरी ने दावा किया कि जीएसटी से कारोबार पर बड़ा संकट आया है और लोगों की आमदनी घटी है।
आपको बता दें कि अरुण शौरी एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और राजनेता हैं। अरुण शौरी 1998-2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में विनिवेश मंत्री रहे थे। इसके अलावा उनकी पहचान एक खोजी पत्रकार के रुप में भी होती है। बताया जाता है कि पत्रकारिता के क्षेत्र में अरुण शौरी ने खोजी पत्रकारिता की शुरुआत की थी। एनडीए की सरकार में उन्होंने विनिवेश के साथ-साथ सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों सहित कई अन्य विभागों का जिम्मा संभाला था।
आपको बता दें कि अरुण शौरी से पहले उनके साथ अटल कैबिनेट में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने भी हाल ही में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की थी, जिसमें उन्होंने आर्थिक मुद्दों पर सरकार को फेल बताया था। यशवंत सिन्हा ने नोटबंदी और जीएसटी पर सवाल उठाए थे।