दरअसल रघुवंश प्रसाद फिलहाल कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं। वे इस दौरान पटना के एम्स में भर्ती हैं और उन्हें सांस में तकलीफ के चलते ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। लेकिन एक दिन दो बड़े झटकों ने आरजेडी के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू हुए गायब, तलाश में जुटी पुलिस ने डाला घर के बाहर डेरा, नहीं लगा कोई सुराग इन पांच विधायकों ने दिया झटकाआरजेडी छोड़ने वाले विधानपार्षदों के नाम इस प्रकार हैं. संजय प्रसाद, मो. कमर आलम, राधाचरण साह, रणविजय कुमार सिंह और दिलीप राय ने राजद छोड़कर जदयू पर भरोसा जताया है।
घर में स्टॉक कर लें जरूरी चीजें, मानसूनी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया दिया सबसे बड़ा अलर्ट, अलगे पांच दिनों तक इन राज्यों में होगी मूसलाधार बारिश ये है नेताओं के नाराजगी की वजहदरअसल राजद खेमे में आए इस भूचाल के पीछे बड़ी वजह है। हाल में लोकजनशक्ति पार्टी के पूर्व बाहुबली सांसद राम किशोर सिंह ऊर्फ रामा सिंह ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की।
इस मुलाकात ने बिहार में सियासी भवंडर का काम किया। तेजस्वी और रामा सिंह की मुलाकात के बाद ये कयास तेज हो गए कि 29 जून को रामा सिंह जल्द ही आरजेडी जॉइन कर सकते हैं।
बस ये बात पार्टी के कई नेताओं को रास नहीं आई और इसके बाद जो नतीजा हुआ वो मंगलवार को डबल झटके के रूप में सामने आ गया। कौन है रामा सिंह?
रामा सिंह वही नेता हैं जो कभी लालू प्रसाद यादव और राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के कट्टर विरोधी हुआ करते थे। यही नहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली से खड़े हुए थे तो उनके खिलाफ मैदान में यही रामा सिंह थे।
सवर्णों में जनाधार
इस चुनाव में रघुवंश बाबू को करीब एक लाख से ज्यादा वोट से करारी हार का सामना करना पड़ा था। वैशाली में रामा सिंह का खासा दबदबा है। सवर्णों में भी उनका जबरदस्त जनाधार है।