रूपाला और मांडविया दोनों ही गुजरात के कद्दावर नेताओं में शामिल हैं। इन दोनों की पाटीदार समाज में अच्छी पैठ है। यही वजह है कि इन्हें पार्टी महत्व दे रही है। जबकि रूपाला के बारे में बताया जाता है कि उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा सिर्फ अमित शाह गुट का नहीं होने के कारण नहीं दिया गया था।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से अलग गुट के प्रमुख माने जाने वाले रूपाला को सूरत के पाटीदार बाहुल्य क्षेत्रों में सभा के लिए चुना गया है। उन्होंने मैदान संभालते ही ओलपाड विधानसभा क्षेत्र के पाटीदार बाहुल्य अमरोली, वराछा विधानसभा के अंतर्गत योगी चौक और कामरेज में सभा कर समाज के रूठे लोगों को पार्टी के पक्ष में करने की कोशिश शुरू कर दी। इधर, मांडविया भी पार्टी के चुनाव प्रचार मे जुट गए है। मांडविया को पूर्व सीएम आनंदी पटेल के गुट का बताया जाता है।