इस महापंचायत में कई अहम फैसले लिए गए। महापंचायत में खाप ने फैसला लिया कि वो हरियाणा सरकार को गिराने के लिए मुहीम की शुरुआत करेगी। आपको बता दें कि हाल में हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी दल जेजेपी भी किसान आंदोलन के लिए केंद्र की नीतियों को लेकर सवाल खड़ी कर चुकी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा की खट्टर सरकार पर दो तरफा खतरा मंडरा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में विराट कोहली ने किया कमाल, तोड़ दिया सचिन तेंदुलकर का ये रिकॉर्ड विधायकों पर समर्थन वापस लेने का दबावखाप पंचायत के ऐलान के मुताबिक अब उनकी मुहीम उन विधायकों पर दबाव बनाने की रहेगी जिन्होंने खट्टर सरकार को समर्थन दिया है। खाप नेता ऐसे विधायकों से समर्थन वापस लेने का दबाव बनाएंगे। इसके लिए विधायकों से रूबरू मुलाकात करेंगे।
अगर विधायक उनकी अपील स्वीकर कर लेते हैं तो बेहतर वरना खाप ऐसे नेताओं की गांव में एंट्री बैन कर देगी, जिसका असर उन्हें चुनाव में वोट गंवा कर चुकाना होगा। केंद्र सरकार पर तानाशाही का आरोप
खाप पंचायतों ने केंद्र सरकार पर किसानों के प्रति रवैये को तानाशाही करार दिया है। यही नहीं किसानों की हर तरह से मदद के लिए खाप पंचायत के नेता दिल्ली बॉर्डर पहुंच रहे हैं।
इन खापों ने लिया हिस्सा
जींद में हुई इस महापंचायत में बिनैन खाप, हिसार की सतरोल खाप, चहल खाप, सोनीपत की दहिया खाप, दाडन खाप, माजरा खाप, कंडेला खाप, पंघाल खाप, सहारण खाप, नांदल खाप, ढुल खाप, पंचग्रामी खाप, चौगामा खाप, किनाना 12 खाप, नोगामा खाप, जाट महासभा और अन्य कई खाप शामिल हुईं
आपको बता दें कि बीजेपी की सरकार के पास हरियाणा में पूर्ण बहुमत नहीं है. जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हरियाणा के खट्टर सरकार चल रही है।