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ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर जांच पैनल को अनुमति नहीं देकर ‘धोखाधड़ी’ कर रही केंद्र सरकार: मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की जांच नहीं कराना चाहती है क्योंकि ऐसा करने से उनकी लापरवाही की सच्चाई सबके सामने आ जाएगी। केंद्र सरकार COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की पहचान करने में धोखाधड़ी का काम कर रही है।

नई दिल्लीAug 25, 2021 / 11:16 pm

Anil Kumar

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Centre Committing ‘fraud’ By Not Allowing Probe Panel On Oxygen Deaths: Manish Sisodia

नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी (Lack Of Oxygen) से हुई मौतों की जांच को लेकर दिल्ली में सियासी लड़ाई जारी है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy CM manish Sisodia) ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को घेरते हुए आरोप लगया है। मनीष सिसोदिया ने बुधवार को केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार को ऑक्सजीन की कमी से हुई मौतों की जांच के लिए एक पैनल बनाने की अनुमति नहीं देना दिल्ली के लोगों के खिलाफ “धोखाधड़ी” है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की जांच नहीं कराना चाहती है क्योंकि ऐसा करने से उनकी लापरवाही की सच्चाई सबके सामने आ जाएगी। केंद्र सरकार COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की पहचान करने में धोखाधड़ी का काम कर रही है।

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सिसोदिया ने कहा कि मुझे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से एक पत्र मिला है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत की जांच के लिए कमेटी बनाने का औचित्य नहीं लगता। यानी केंद्र सरकार कह रही है कि कमेटी बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत टास्क फोर्स का गठन किया गया है।’

उन्होंने कहा, “हालांकि, जो टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है, वह आने वाले समय के लिए सिफारिशें करेगा कि ऑक्सीजन का प्रबंधन कैसे किया जाएगा। यह सुझाव देने के लिए है कि आने वाले समय में ऑक्सीजन की मांग कैसे होगी, ऑक्सीजन के वितरण की निगरानी कैसे होगी और समय-समय पर क्या बदलाव किए जाएंगे।”

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सुप्रीम कोर्ट ने गठित की है टास्क फोर्स

मनीष सिसोदिया ने पूछा, “सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 मई को गठित टास्क फोर्स में 12 बिंदुओं पर काम करना है। इनमें से कोई भी ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत से संबंधित नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत तथ्य गलत हैं। जब केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित टास्क फोर्स के अनुसार काम करना है, तो उन्होंने राज्य सरकारों से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के आंकड़े क्यों मांगे?

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उन्होंने कहा, “मैं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इस मामले की जांच कराने का अनुरोध करना चाहता हूं ताकि यह पता लगाया जा सके कि गलती किसकी थी और ऑक्सीजन की कमी से कितने लोगों की मौत हुई है।”

सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को महामारी की दूसरी लहर में COVID-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर चिकित्सा ऑक्सीजन आवंटित करने के लिए एक प्रभावी और पारदर्शी तंत्र के लिए एक राष्ट्रीय कार्य बल का गठन किया। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने देश में ऑक्सीजन की आवश्यकता और वितरण का आकलन करने और सिफारिश करने के लिए राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) का गठन किया।

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