राज्यपाल द्वारा अपनी चिट्ठी में बीजेपी कार्यकर्ता की पुलिस हिरासत में संदेहास्पद मौत ( Suspicious death in police custody ) का मुद्दा उठाने से पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) की सियासत गरमा गई है। उन्होंने चिट्ठी में राज्य में अराजक हालात को लेकर लोगों के बीच नाराजगी का भी जिक्र किया है।
बेहतर शासन सरकार की जिम्मेदारी उन्होंने अपने पत्र में कहा है हिंसक घटनाओं की चर्चा प्रदेश की सीमा से बाहर देश और दुनिया में भी हो रही है। उन्होंने सीएम ममता को संवैधानिक प्रावधानों की याद दिलाते हुए कहा कि राज्य कानून और व्यवस्था को बनाए रखना, बेहतर शासन देना, पूर्ण निष्पक्षता के साथ जनहित में काम करना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारियों में शामिल है। स्रुप्रीम कोर्ट के आदेशों तक की अनदेखी जारी है।
Exclusive : मुख्यमंत्री ममता के साथ किस मोड़ पर आ गए हैं राजभवन के रिश्ते पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में एक बीजेपी मदन घोराई की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर राजनीति चरम पर है। मृतक मदन घोराई स्थानीय बूथ उपाध्यक्ष थे। बीजेपी ने इस मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है।
मानवाधिकारों के हनन से खराब हुई प्रदेश की छवि इसी तरह 8 अक्तूबर को बलविंदर सिंह के साथ पुलिस की ज्यादती की घटना पहले से ही मानवाधिकारों के हनन की बात को लेकर सुर्खियों में है। बलविंदर सिंह की पगड़ी उतारने की घटना को बीजेपी ने भटिंडा निवासी बलविंदर सिंह का अपमान बताया है। पार्टी के नेताओं ने कहा कि पुलिस ने ऐसा कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
बलविंदर की पगड़ी खुद गिर गई दूसरी तरफ इस मामले को तूल पकड़ता देख पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी सफाई पेश की है। प्रदेश पुलिस का कहना है कि हमारी मंशा बलविंदर के अपमान की नहीं थी। बंगाल पुलिस का कहना है कि बलविंदर से पिस्टल छीनने के दौरान पगड़ी अपने आप गिर गई।
बंगाल के डीजीपी की ‘शुतुरमुर्गी मुद्रा’ परेशान करने वाली बोले राज्यपाल राजनीतिक हत्या बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इसे पुलिस हिरासत में राजनीतिक हत्या करार देते हुए कहा कि ये सब सीएम ममता और तृणमूल कांग्रेस की सह पर हो रहा है।