ATM हैक हो सकते हैं तो EVM में क्यों नहीं हार्दिक ने कहा कि वह तीन दिनों से ईवीएम में छेड़छाड़ किए जाने की आशंका जता रहे थे। जब एटीएम हैक हो सकते हैं तो ईवीएम में क्यों नहीं है। इस बार में सोचने की जरूरत है।
गुजरात की जनता ने अच्छा ही निर्णय लिया था। लेकिन पैसों के जोर से जीत मिली है। सूरत की वराछा, कामरेज सीट, एक लाख से अधिक पाटीदार वोट हैं, वहां पर हार जीत का मायना इस बात पर है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग उमडऩे के बावजूद भी भाजपा कैसे जीती। कई सारी ईवीएम बिना सील के खुलीं। राजकोट पश्चिम, विसनगर, वराछा, माणसा, कामरेज में थी। विपक्ष को एकजुट होकर ईवीएम के विरुद्ध अभियान छेडऩे की जरूरत है।
चुनाव परिणाम बताते हैं कि सूरत, अहमदाबाद पूर्व, राजकोट, महेसाणा के शहरी इलाकों को छोड़ दें तो पाटीदार बहुल इलाकों में भाजपा को नुकसान हुआ है। ज्यादातर में जीत का अंदर दो सौ से एक हजार वोट का ही है। इसके अलावा जहां पुन:मतदान हुआ है वहां पर भी भाजपा को जीत मिली है।
शहरी इलाकों में जगरुकता की जरुरी
हार्दिक ने कहा कि किसानों को उनकी फसल के उचित दाम, युवाओं को रोजगार दिलाने व आरक्षण दिलाने की लड़ाई उसी खुमारी, अभियान के साथ जारी रहेगी। अभी तक उन्होंने ग्रामीण इलाकों में ज्यादा सभाएं की हैं, अब शहरों में ज्यादा करेंगे। क्योंकि ग्रामीण इलाके के लोग जागरुक हुए हैं, शहरों में अभी भी जरूरत है।