क्या बिहार में फिर से पकने लगी RJD-JDU के बीच गठबंधन की ‘खिचड़ी’?
RJD के नेता लगातार JDU के पक्ष में दे रहे हैं बयान
जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार की मुलाकात से गरमाई सियासत
JDU के नए मंत्रिमंडल में बीजेपी का एक भी चेहरा शामिल नहीं
क्या बिहार में फिर से पकने लगी RJD-JDU की ‘गठबंधन की खिचड़ी’?
नई दिल्ली। राजनीति में एक पुरानी कहावत है कि कब, कहां, क्या और कैसे हो जाए ये कोई नहीं जानता ? बिहार की आबोहवा से कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। BJP, JDU और RJD की राजनीति में ऐसी सुगबुगाहट तेज हो गई है, जो बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही है। इशारा यह कि बिहार में एक बार फिर JDU और RJD साथ हो सकते हैं। नेताओं के बयान तो संकेत दे रहे हैं कि 2020 विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीतिक बिसात फिर करवट ले सकती है। हालांकि, जिस तरह से JDU और बीजेपी के बीच लगातार समीकरण बन रहे हैं उनसे भी ऐसा लग रहा है कि ‘चाचा-भतीजे’ के बीच कहीं कोई खिचड़ी तो नहीं पक रही है?
पढ़ें- ममता बनर्जी बोलीं- EVM पर नहीं है भरोसा, विरोध में TMC करेगी डोर टू डोर कैंपेनRJD नेता लगातार JDU के पक्ष में दे रहे हैं बयान केन्द्र में दूसरी बार NDA की सरकार बनी है। लेकिन, BJP के सहयोगी दल जेडीयू सत्ता से बाहर है। जेडीयू सत्ता से इसलिए बाहर हो गई, क्योंकि उसे केवल एक मंत्रालय दिया जा रहा था। जबकि, चर्चा यह है कि जेडीयू कम से कम तीन मंत्रियों की डिमांड कर रही थी। जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर पार्टी के कई नेताओं ने खुलकर इसका विरोध किया। जेडीयू के इस जख्म पर आरजेडी ने बिना देरी किए मरहम लगाना शुरू कर दिया। आरजेडी के कई नेता लगातार जेडीयू के पक्ष में बयान दे रहे हैं। आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने साफ कहा कि 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में अगर जीत हासिल करनी है और बीजेपी को पछाड़ना है, तो हर हाल में सभी गैर भाजपाई पार्टियों को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि इन गैर भाजपाई पार्टियों में नीतीश कुमार भी शामिल हैं। रघुवंश प्रसाद के बयानों का समर्थन करते हुए राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि रघुवंश बाबू ने जो कहा है वो वैचारिकी के आधार पर कहा है, जिस वैचारिकी का जिक्र 2014 और 2015 में आरजेडी प्रमुख लालू जी किया करते थे। उन्होंने आरजेडी-जेडीयू के साथ आने की संभावना पर कहा, मैं (मनोज झा) उस संभावना से इंकार नहीं कर रहा हूं। खुद तेजस्वी ने भी नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी पर तंज कसा था।
पढ़ें- मिल गया वायुसेना का लापता विमान AN-32, सभी 8 क्रू मेंबर और 5 यात्री सुरक्षितमांझी और नीतीश की मुलाकात से गरमाई सियासत बयानों से अलग बिहार की राजनीति उस वक्त और गरमा गई जब नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी में बिहार के पूर्व मुख़्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी अचानक पहुंच गए। नीतीश कुमार ने गर्मजोशी से उनका स्वागत करते हुए हाथ मिलाया। इसके अलावा मुख़्यमंत्री ने विशेषतौर पर उन्हें खजूर खाने का आग्रह भी किया। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि, इस मुलाकात को लेकर आधिकारिक रूप से न तो नीतीश कुमार ने कुछ कहा और न ही जीतन राम मांझी ने। लेकिन, चर्चाओं का बाजार गर्म है।
पढ़ें- PM मोदी की तारीफ करना कांग्रेस नेता को पड़ा भारी, पार्टी ने किया निलंबितनीतीश के नए मंत्रिमंडल में बीजेपी का एक चेहरा नहीं रविवार को नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। कुल आठ मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण ली। लेकिन, इनमें बीजेपी का एक भी चेहरा शामिल नहीं था। जबकि, बीजेपी कोटे से एक सीट अब भी खाली है। हालांकि, चर्चा यह है कि नीतीश ने बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी को इस बात की जानकारी दी थी कि आप एक सीट ले सकते हैं। मंत्री पद में बीजेपी नेता के शामिल न होने से जेडीयू-बीजेपी के बीच पैदा हुई खटास को और हवा मिल गई है। हालांकि, दोनों पार्टियों की ओर से इस मामले को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन, सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि लोकसभा चुनाव में 17 में से 16 सीटें जीतने वाली जेडीयू मोदी सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने से बेहद नाराज है। दोनों पार्टियों के बीच जिस तरह से दूरियां बढ़नी शुरू हो गई हैं, 2020 विधानसभा चुनाव से पहले कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। क्योंकि, बीजेपी की ओर से इस मामले में अब तक गंभीरतापूर्वक कोई बयान नहीं दिया गया है। वहीं, कांग्रेस, आरजेडी, हम, रालोसपा इस बढ़ती दूरी को भुनाने में जुट गए हैं। अब देखना यह है कि विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में आरजेडी और जेडीयू के बीच नई सियासी खिचड़ी पकती है या फिर कुछ अलग ही रणनीति बनती है?
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