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केजरीवाल मोदी सरकार से नहीं चाहते टकराव, शपथग्रहण में विपक्षी दलों के शामिल होने पर सस्पेंस बरकरार

शपथग्रहण समारोह जनता के लिए खुला है
विपक्षी दलाें के शामिल होने पर सस्पेंस बरकरार
मोदी सरकार से पंगा नहीं लेना चाहते केजरीवाल

नई दिल्लीFeb 13, 2020 / 01:03 pm

Dhirendra

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पार्टी के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया है। केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। वह 16 फरवरी को शपथ लेंगे। वहीं उनके शपथ ग्रहण समारोह में अन्य दलों के नेताओं के शामिल होने पर सस्पेंस गहरा गया है।
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जानकारी के मुताबिक रामलीला मैदान में रविवार को होने वाले अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी पार्टी (AAP) संभवत: दूसरे दलों के वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित नहीं करेगी। आप प्रमुख द्वारा अगली सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया जाना औपचारिक प्रक्रिया है। केजरीवाल को बुधवार को पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बेहतरीन जीत दर्ज करके केजरीवाल 16 फरवरी को लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। शपथग्रहण समारोह जनता के लिए खुला है, लेकिन आम आदमी पार्टी दूसरे दलों के नेताओं और मुख्यमंत्रियों को बुलाने पर विचार नहीं कर रही है। वह केन्द्र की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ टकराव वाली छवि नहीं बनाना चाहती। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है।
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बता दें कि मंगलवार को आए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को जबरदस्त जीत हासिल हुई है। दिल्ली की 70 सीटों में से उसने 62 पर अपना कब्जा जमाया है। वहीं बीजेपी को महज आठ सीटों पर ही जीत नसीब हुई। पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस का खाता नहीं खुला।
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आप को कुल पड़े वोटों का 53.6 प्रतिशत शेयर मिला जबकि बीजेपी को 38.5 फीसदी मत पड़े। कांग्रेस के हिस्से में महज 4.26 प्रतिशत वोट शेयर रहा। इस बंपर जीत के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों का शुक्रिया अदा किया और उन्हें सार्वजनिक तौर पर आई लव यू कहा। यह लगातार तीसरी बार होगा जब आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार बनाएगी।

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