दिल्ली हिंसा के दौरान पत्रकारों पर हमले, कई इलाकों में पहले पूछ रहे हैं धर्म और फिर कर रहे हैं अटैक राष्ट्रीय राजधानी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए ट्वीट पर टिप्पणी देते हुए मनोज तिवारी ने कहा, “गृह मंत्री ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। अरविंद केजरीवाल ने कुछ भी नहीं कहा और बैठक के दौरान उन पर भरोसा भी जताया। उन्हें बैठक में अपनी बात रखनी चाहिए थी। वह थोड़ा भ्रमित लगते हैं।”
दरअसल बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में दावा किया था कि पुलिस हालात पर नियंत्रण पाने में अक्षम रही और लोगों का भरोसा नहीं जीत सकी। केजरीवाल ने इसके अलावा हिंसा पर नियंत्रण के लिए सेना बुलाने की जरूरत बताई और लिखा कि इसके लिए वह गृह मंत्री अमित शाह को लिख रहे हैं।
इस संबंध में केजरीवाल ने ट्वीट किया, “पूरी रात में काफी तादाद में लोगों के साथ जुड़ा रहा। हालात बहुत चिंताजनक हैं। अपने पूरे प्रयासों के बावजूद पुलिस हालात पर नियंत्रण पाने और लोगों का भरोसा जीतने में नाकाम रही। तत्काल सेना को बुलाना चाहिए और प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगा देना चाहिए। मैं माननीय गृह मंत्री को तुरंत इसे लागू करने के लिए लिख रहा हूं।”
दिल्ली हिंसा में शहीद हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत की असल वजह आई सामने, ऑटोप्सी रिपोर्ट में हुआ खुलासा इसके अलावा मनोज तिवारी ने केजरीवाल से कहा कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर सफाई पेश करें और लोगों के बीच जाकर उन्हें यह समझाएं कि यह भारतीय नागरिकों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं केजरीवाल को बताना चाहता हूं कि वह
CAA को जरूर समझ गए होंगे और उन्हें दिल्ली के निवासियों को यह समझाने की जरूरत है। अगर आप उन्हें शांति की ओर ले जाना चाहते हैं। दिल्ली को गलत जानकारी के फेर में नहीं पड़ना चाहिए।”
इतना ही नहीं तिवारी ने यह मांग भी की कि दिल्ली सरकार को तुरंत ही दिल्ली पुलिस के शहीद हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के परिजनों को 1 करोड़ मुआवजा देने की घोणषा कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा, “कल में रतन लाल के घर गया था। मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि 1 करोड़ रुपये का मुआवजा घोषित करें।”
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वह स्थानीय लोगों से समन्वय बनाकर इलाके में सामान्य स्थिति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए जा चुके हैं पर जोर डालते हुए तिवारी ने कहा, “कई ऐसी गलियां हैं जहां एक समुदाय अल्पसंख्यक हैं और वे संकट में फंसे होने की कॉल कर रहे हैं। यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जिन जगहों से संकट में फंसे होने की कॉल आए, पुलिस वहां पहुंचे।”