एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बीजेपी की जगह शिवसेना को तरहजीह देने की वजह भी बताई। मराठा सरदार पवार ने कहा कि बीजेपी के मुकाबले शिवसेना के साथ गठबंधन उतना कठिन नहीं है। उन्होंने माना कि पार्टी पर भतीजे अजित पवार की पकड़ मजबूत है लेकिन क्या वह डेप्युटी सीएम बनेंगे, इसका जवाब देने से इनकार किया।
पश्चिम बंगाल: नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी के लिए ममता सरकार ने किया ये काम, दिया पवार ने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन की तुलना में शिवसेना के साथ गठबंधन कठिन नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी के साथ बगावत की थी क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ जिस तरह से बातचीत चल रही थी उससे वह पूरी तरह नाराज थे।
विचारधारा अलग, समझदारी पूरी शिवसेना—एनसीपी—कांग्रेस सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले पवार ने कहा कि विचारधारा के स्तर पर अलग होने के बावजूद गठबंधन के बीच पूर्ण समझदारी है। उन्होंने विश्वास जताया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी पार्टी के लिए बीजेपी के साथ काम करना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा हमारे लिए बीजेपी की तुलना में शिवसेना के साथ काम करना कठिन नहीं है। हम वह मार्ग नहीं पकड़ सकते थे।
बागी नेताओं को सबक सिखाने के लिए बीजेपी ने तैयार किया नया फार्मूला, गाज गिरनी तय बीजेपी के साथ अजित पवार के हाथ मिलाने के बारे में पूछने पर शरद पवार ने कहा वह हमारे बीच से चर्चा के बीच में ही लौट गए थे और कांग्रेस व हमारे बीच बातचीत से वह बहुत खुश नहीं थे। वह पूरी तरह नाखुश थे। उस स्थिति में उन्होंने ऐसा फैसला किया।
हैदराबाद रेप केस: देश भर के सांसदों ने एक सुर में की सख्त सजा की मांग, सदन में रो पड़ीं विजिला सत्सानंत पवार ने कहा कि लेकिन उन्हें महसूस हुआ कि यह सही फैसला नहीं है और इसलिए अगली सुबह वह आए, मुझे देखा और इन सबसे अलग हो गए। बहरहाल, उन्होंने कहा कि एनसीपी में उनके भतीजे की अच्छी पकड़ है लेकिन यह बताने से इनकार कर दिया कि महाराष्ट्र की नई सरकार में उनके भतीजे को उपमुख्यमंत्री का पद मिलेगा या नहीं।