उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग शराब की होम डिलीवरी ( Home Delivery ) की बात करते हैं वो भी जानते हैं कि ऐसा नही हो रहा है लेकिन ख़ुद पीना है इसलिए ऐसा कहते हैं।
CAA: सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई आज, शाहीन बाग पर आ सकता है फैसला बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शराबबंदी ( Liquor Ban ) पर राज्य में तक़रार सुरू हो गया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के गुरुवार को बयान दिया था कि थोड़ी बहुत शराब तो संजीवनी का काम करती है। मांझी के बयान की काफी आलोचना हुई।
दिल्ली में शराबबंदी पर एक राष्ट्रीय सेमिनार को सम्बोधित करते हुए नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू करने की यात्रा और उसके लागू होने के बाद के हालात पर लंबा भाषण दिया। नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 में सत्ता संभालने के साथ ही उन्होंने शराबबंदी का मन बना लिया था। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले राज्य में जागरूकता फैलाने की कोशिश की। जिसका सार्थक परिणाम भी निकला।
जेपी नड्डा 22 फरवरी को करेंगे बिहार का दौरा, 11 जिलों में करेंगे पार्टी कार्यालयों का उद्घाटन नीतीश ने कहा कि अगर बिहार जैसा राज्य शराबबंदी लागू कर सकता है तो फिर देशभर में इसकी पहल होनी चाहिए। नीतीश ने कहा कि शराबबंदी के लिए कोई भी राज्य सरकार अगर उनसे सहायता मांगती है तो वो उसके लिए तैयार हैं।
बिहार के सीएम ने शराबबंदी से जुड़े इस मिथक को बिल्कुल गलत बताया कि शराबबंदी लागू करने से किसी राज्य को राजस्व का नुकसान हुआ है। नीतीश ने कहा कि शराबबंदी से शुरू में बिहार को क़रीब 5200 करोड़ रुपए का नुकसान तो हुआ लेकिन धीरे धीरे उससे ज़्यादा की कमाई होने लगी क्योकि शराब में ख़र्च होने वाला पैसा दूसरे उत्पादक कामों में ख़र्च होने से राज्य की आमदनी बढ़ गई।
केजरीवाल ने क्यों कहा- ‘मैं सभी पार्टियों का मुख्यमंत्री हूं’ उन्होंने आंकड़ों के साथ इस बात को भी मिथक बताया कि शराबबंदी से राज्य में पर्यटकों में कमी आ सकती है। उन्होंने आंकड़े बता कर दावा किया कि 2015 में जहां बिहार में 2 करोड़ 20 लाख घरेलू और करीब 9 लाख विदेशी पर्यटक बिहार आए थे वहीं पिछले साल ये बढ़कर 3.5 करोड़ घरेलू और करीब 11 लाख विदेशी पर्यटक पहुंच गया।