नदी स्वच्छता पर लंबे समय से लड़ रहे हैं लड़ाई आइआइटी रूड़की से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अग्रवाल रूड़की विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर रहे थे। गंगा समेत अन्य नदियों की सफाई को लेकर उन्होंने पहली बार 2008 में हड़ताल की थी। इस दौरान उन्होंने सरकार से नदी के प्रवाह पर जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण को रद्द करने पर सहमति कराने में सफलता भी हासिल की थी। इसके बाद वे यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने व्यक्तिगत रूप से उनके साथ बातचीत में सरकार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था।
पीएम मोदी को लिखा था पत्र, नहीं मिला जवाब 2014 में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा की सफाई को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की थी जिसके बाद अग्रवाल ने अनशन खत्म कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक फरवरी 2018 में उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर गंगा के लिए विशेष कानून बनाने की मांग की थी, लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने अनशन शुरू कर दिया। हालांकि केंद्रीय मंत्री उमा भारती और नितिन गडकरी ने उनसे फोन पर बातचीत की थी लेकिन वे कानून बनाने की मांग पर अड़े रहे।