दिल्ली लौटने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर के हालात सामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उन्हें जम्मू-कश्मीर आने का न्योता दिया था। मैंने निमंत्रण स्वीकार किया और आज हमें श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई। हमारे साथ मीडिया को भी गुमराह किया गया। इससे साफ है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य नहीं है।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति भयानक और भयावह है। हमें कश्मीर में जाने के अनुमति नहीं दी गई। लेकिन प्लेन में जो यात्रियों से आपबीती सुनी है उससे आंख में आंसू आ गए।
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राहुल यहां आकर राजनीति नहीं करें- राज्यपाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कश्मीर दौरे को लेकर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ऐसे मौके पर विपक्षी दल के नेताओं का यहां आना और राजनीति करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर राहुल गांधी को संसद में बोलना चाहिए था।
मीडिया से बदसलूकी
श्रीनगर एयरपोर्ट पर मीडिया से बदसलूकी का भी मामले सामने आया। विपक्षी दलों का डेलिगेशन जैसे ही श्रीनगर एयरपोर्ट पर पहुंचा कि नेताओं और मीडिया को अलग-अलग कर दिया गया। मीडिया ने विपक्षी दलों के नेताओं से बात करनी चाही तो पुलिस ने उनके साथ धक्कामुक्की करने की कोशिश की। मीडिया ने पुलिस की इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया।
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गौरतलब है कि विस्तारा की फ्लाइट में राहुल गांधी के साथ पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, शरद यादव, आनंद शर्मा, माजिद मेमन, मनोज झा और डी राजा मौजूद हैं। इस दौरान मनोज झा ने कहा कहा कि हम लोग जम्मू-कश्मीर के लोगों से मिलना चाहते हैं, लेकिन हमें रोका जा रहा है।
वहीं, शरद यादव का कहना है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और क्या हम अपने ही देश के एक भाग में नहीं जा सकते? माकपा महासचिव सीताराम येचुरी का कहना है कि उनको जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विनम्रतापूर्वक आमंत्रित किया था। इसलिए हम उनके निमंत्रण के सम्मान में श्रीनगर जा रहे हैं।
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जम्मू-कश्मीर में हालात हो रहे सामान्य
इससे पहले प्रशासन ने विपक्षी नेताओं को यह कहते हुए यहां नहीं आने का अनुरोध किया है कि धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हालात में बाधा डालने के प्रयास नहीं किए जाने चाहिए। जम्मू-कश्मीर सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने ट्वीट करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों को सीमा पार आतंवाद और आतंकियों व अलगाववादियों के हमले से बचाने की कोशिश कर रही है और बदमाशों व उपद्रवी तत्वों को नियंत्रित कर धीरे-धीरे सार्वजनिक व्यवस्था को बहाल करने की कोशिश कर रही है।