सरकार के पक्ष में है नागरिकता संशोधन बिल के राज्यसभा से पास होने का गणित
शिवसेना के यूटर्न से बढ़ी मोदी सरकार की मुश्किलें
कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों को बिल के विरोध में वोटिंग की अपील की
अमित शाह राज्यसभा से आज ही पास कराना चाहते हैं CAB
नई दिल्ली। लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल 2019 पास कराने के बाद गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को राज्यसभा में यह बिल पेश करेंगे। लेकिन मोदी सरकार के लिए इस बिल को लोकसभा की तरह राज्यसभा में पास करा लेना आसान नहीं है। ऐसा इसलिए कि लोकसभा की तुलना में राज्यसभा में विपक्ष मजबूत स्थिति में है।
इसके बावजूद मोदी सरकार बिल को पास कराने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों का सहयोग लेने में सफल रही तो राज्यसभा में भी यह पास हो जाएग। अगर विपक्ष का पलड़ा भारी रहा तो मोदी सरकार के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है ।
बता दें कि इससे पहले के संसदीय सत्र के दौरान ही केंद्र सरकार इस बिल को राज्यसभा से पास कराना चाहती थी। लेकिन कुछ क्षेत्रीय दलों के विरोध की वहज से मोदी सरकार इस बिल को राज्यसभा में पेश नहीं कर पाई थीं। यही वजह है कि नागरिकता संशोधन बिल पर पिछले सत्र के दौरान नहीं हो पाई थी।
मैजिक नंबर 121 पिछले दो सालों में बीजेपी और एनडीए की ताकत राज्यसभा में बेहतर हुई है। राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं, लेकिन पांच सीटें रिक्त हैं। फिलहाल राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 240 है। इस लिहाज से बीजेपी को सदन में इस बिल को पास कराने के लिए 121 सदस्यों का समर्थन चाहिए।
नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में मिले समर्थन के आधार पर राज्यसभा में आंकड़ों को देखें तो यह संख्या 121 है। इनमें बीजेपी के 83, बीजेडी के 7, एआइएडीएमके के 11, अकाली दल के 3, शिवसेना के 3, जेडीयू के 6 वाईएसआर कांग्रेस के 2, एलजेपी के 1, आरपीआई के 1 और 4 नामित राज्यसभा सदस्य हैं।
पीएम मोदी ने की अमित शाह की तारीफ, कहा- सदन में विरोधियों को अच्छे तरीके से समझाया नागरिकता का पाठ विपक्ष के पास 101 सदस्य लेकिन नागरिकता संशोधन बिल पर विपक्ष का जिस तरह से रुख है उसको देखतो हुए विपक्ष राज्यसभा में मजबूत स्थिति में नजर नहीं आ रहा है। राज्यसभा में कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, सपा के 9, वामदल के 6 और डीएमके के 5 और आरजेडी, एनसीपी और बसपा के 4-4 सदस्य हैं। इसके के अलावा टीडीपी के 2, मुस्लिम लीग के 1 पीडीपी के 2, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस के 1 और टीआरएस के 6 सदस्य हैं। इस तरह विपक्ष के पास 100 सदस्य होते हैं।
प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के रुख ने हुए नाराज, बोले- नागरिकता संशोधन बिल पर JDU के रवैये से हुई निराशाइन दलों पर है शाह की पैनी नजर सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथ खड़े दलों के अलावा राज्यसभा में 19 सदस्य बचते हैं। इनके रुख पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा। इनमें असम गण परिषद के 1, बोडोलैंड पीपुल फ्रंट के 1, एमडीएमके 1, नागा पीपुल्स के 1, पीएमके के 1 और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1 राज्यसभा सदस्य हैं। इसके अलावा 6 राज्यसभा सदस्य निर्दलीय और अन्य के हैं।
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह अमित शाह दोपहर बाद नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश करेंगे। नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में जेडीयू, शिवसेना, बीजेडी और पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने की वजह से सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई। लेकिन राज्यसभा में शिवसेना ने मोदी सरकार के पक्ष में वोट देने से इनकार कर दिया है। यही कारण है कि बीजेपी नेतृत्व को आज राज्यसभा से इस बिल को पास कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।
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