दरअसल कांग्रेस कोर ग्रुप बैठक की अध्यक्षता को लेकर भी राहुल गांधी के तैयार ना होने की वजह से राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर चर्चा तेज हो गई कि वे पार्टी के अध्यक्ष पद पर बिल्कुल नहीं रहना चाहते। लेकिन पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इन सभी अटकलों पर एक बार फिर विराम लगा दिया और कहा कि राहुल गांधी पर पार्टी ने दोबारा भरोसा जताया है। यही नहीं उन्होंने ये भी कहा राहुल गांधी ही पार्टी के अब तक अध्यक्ष थे, हैं और आगे भी रहेंगे।
कांग्रेस ने अपने कोर ग्रुप की बैठक ऐसे समय पर की है जब संसद का सत्र करीब है। 17 जून को होने वाले संसद सत्र से पहले कांग्रेस ने अपने एजेंडे को ध्यान में रखते हुए इस बैठक का आयोजन किया। बैठक में पार्टी के दिग्गज नेताओं ने शिरकत की और आगे की रणनीति पर चर्चा की।
कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उसमें आागामी तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रमुख रूप से शामिल रहा। हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक में मंथन हुआ। वहीं संसद सत्र में किन मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा जाए इस पर भी चर्चा हुई। दरअसल मोदी सरकार के कामकाज संभालते ही जीडीपी और रोजगार निम्न स्तर पर पहुंच गया। ऐसे में कांग्रेस के एजेंडे में ये शामिल रहेगा कि कैसे इन मुद्दों पर सरकार को घेरे।
मोदी 2.0 सरकार के आगामी बजट जो 5 जुलाई को पेश होना है इसे लेकर भी संसद के सत्र में विपक्ष की आवाज गूंज सकती है। बजट में आम लोगों से जुड़े किन मुद्दों पर सरकार को घेरा जाए, इस पर भी कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में चर्चा की गई।
लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाने का मलाल है। लेकिन राजधानी दिल्ली में तीन नंबर से दो नंबर पर आना पार्टी के लिए कुछ सुकून देने वाला जरूर है। वो भी ऐसे समय पर जब विधानसभा चुनाव मुहाने पर हैं। यही वजह है कि कोर ग्रुप की बैठक में दिल्ली में सुधरी पार्टी की स्थिति पर भी चर्चा हुई और इसमें भी पार्टी के विधासनभा चुनाव में रणनीति को लेकर विचार विमर्श किया गया।
कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में एके एंटनी ने जहां अध्यक्षता की। वहीं जयराम रमेश, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे दिग्गज नेता मौजूद रहे।