‘लालकिले पर झंडा फहराने वाले दो उम्मीदवार’
परेड के दौरान गडकरी और गांधी को अगली पंक्ति में बैठे बात करते और मुस्कराते हुए देखा गया। फिर क्या था सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को लेकर तरह तरह की बातें लिखी जाने लगी। कोई कहता कि ‘लालकिले पर झंडा फहराने वाले दो योग्य उम्मीदवार’, तो किसी ने लिखा कि ‘अमित शाह देख रहे हैं कि इन दोनों में क्या बात हो रही है।’
बीजेपी की हार पर गडकरी के बयान ने मचाया बवाल
हाल ही में हुए राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने यह बयान देकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि पार्टी के नेतृत्व को हार और असफलताओं को स्वीकार करना चाहिए। जहां उन्होंने इस बयान का गलत मतलब निकालने और गलत तरीके से लिखने का दावा किया, कई लोगों ने ये बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लिए माना। इसके बाद मोदी के स्थान पर गडकरी को लाने की मांग होने लगी।
मोदी की जगह गडकरी को लाने की मांग
यही नहीं महाराष्ट्र के प्रमुख किसान नेता किशोर तिवारी ने तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को पत्र भी लिख दिया। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी के स्थान पर गडकरी को लाया जाया। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता संघप्रिय गौतम भी जनवरी में ही गडकरी को उप प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर चुके हैं। ऐसे में राहुल और गडकरी के मुस्कुरा के बात करने के कई मतलब निकलने लाजमी हैं।