
लोकसभा से आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल पास, अब राज्यसभा में सरकार की 'अग्निपरीक्षा'
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। इसके चलते सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को आरक्षण देने के लिए संविधान में 124वें संशोधन के लिए बिल पेश किया। लोकसभा में बहस के बाद बिल को पास करा लिया गया।
बिल के समर्थन में कुल 323 वोट पड़े
लोकसभा में संविधान संशोधन बिल के समर्थन में कुल 323 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 3 सदस्यों ने वोट कियास। संविधान संशोधन का यह बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाना है। बिल को पास कराने को लेकर मोदी सरकार की असली अग्निपरीक्षा होनी है। माना जा रहा है कि बिल पर लोकसभा में विपक्षी पार्टियों का जैसा नरम रुख देखने को मिला है, उससे लगता है कि राज्यसभा में भी सरकार को कोई परेशानी नहीं आने वाली है।
आरक्षण बिल से जुडी 10 अहम बातें—
1— आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल लेकर लोकसभा में करीब 5 घंटे तक चली बहस चली। यहां खास बात यह रही कि तकरीबन सभी दलों ने बिल का समर्थन किया।
2— भारतीय जनता पार्टी ने बिल की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया था। इस बिल की एक खास बात यह भी है कि गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत का यह आरक्षण 50 प्रतिशत के दायरे से अलग होगा।
3— इससे आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।
4— आपको बता दें कि राज्यसभा में भाजपा के 73 सदस्य हैं। इसके मुकाबले कांग्रेस के 50 सदस्य हैंं। जबकि राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 244 है।
5— यहां सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इस बिल का समर्थन किया। हालां कि उसने बिल को संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी को भेजने की मांग कर दी।
Updated on:
09 Jan 2019 09:53 am
Published on:
09 Jan 2019 08:24 am
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