सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम
पेशे से वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमेशा अंतिम होता है, भले मामला जज लोया का हो या कोई अन्य। उन्होंने कहा कि अगर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर किसी को कोई भी आपत्ति है तो पुनर्विचार याचिका या उपचारात्मक याचिका दाखिल कर सकता है। इसके लिए सभी को छूट है। हां यह अलग बात है कि इनका दायरा बहुत सीमित होता है।
यह मामला संवेदनशील
खुर्शीद ने कहा, ‘वकील का काला गाउन और सफेद बैंड पहनने वाले किसी भी आदमी या कोर्ट के फैसले पर सोच समझ कर सवाल उठाने चाहिए। यह संवेदनशील मामला है।’ वहीं, उन्होंने कहा कि शीर्ष कोर्ट के फैसले पर राजनीति करना सही नहीं।
विपक्ष ने उपराष्ट्रपति को सौंपा प्रस्ताव
बता दें कि इससे पहले मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष महाभियोग प्रस्ताव लाया है। शुक्रवार को विपक्षी पार्टियों की कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद की अगुवाई में बैठक हुई। बैठक के बाद कई विपक्षी दलों के नेता उपराष्ट्रपति को प्रस्ताव सौंपने पहुंचे।
सात राजनीतिक पार्टिया शामिल
वहीं, इस पर बोलते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, ‘हम लोग यह प्रस्ताव एक हफ्ते पहले ही पेश करना चाहते थे, लेकिन उपराष्ट्रपति जी के पास समय नहीं था। इसलिए आज हमने राज्यसभा की 7 राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर महाभियोग का प्रस्ताव सौंप दिया है।’
5 बिंदुओं को बनाया आधार
उन्होंने बताया कि 71 सांसदों के हस्ताक्षरों के साथ यह प्रस्ताव सौंपा है। यह प्रस्ताव 5 बिंदुओं के आधार पर पेश किया गया है। बता दें कि इन 71 सांसदों में से 7 रिटायर हो चुके हैं। हालांकि, फिर भी यह जरूरी संख्या से अधिक है।