अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ी, 98 सिंचाई प्रोजेक्ट रद्द
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को एनसीपी और कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है
मुंबई. महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व की सरकार द्वारा शुरू किए गए सिंचाई परियोजना के 98 प्रोजेक्ट रद्द कर दिए। सिंचाई परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद सरकार ने यह फैसला लिया। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडनवीस सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम के तहत यह कदम उठा गया। सिंचाई परियोजना में महाराष्ट्र के कुछ दिग्गज नेताओं जिनमें शरद पवार के भतीजे और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के बड़े नेता छगन भुजबल और सुनील तटकरे का नाम शामिल है। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को एनसीपी और कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बीजेपी प्रवक्ता शाइना एनसी ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार हो या फिर महाराष्ट्र की फडनवीस सरकार, भ्रष्टाचार पर एक ही स्टैंड है। भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होकर रहेगी।
सुनील से हो चुकी है पूछताछ
शाइना ने सीधे शरद पवार के भतीजे और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार का नाम लेते हुए कहा कि सब जानते हैं कि सिंचाई परियोजनाओं के नाम पर हजारों करोड़ की लूट की गई। इस पूरे नेक्सस में एनसीपी के बड़े नेता अजित पवार, छगन भुजबल, सुनील तटकरे और कई बड़े ठेकेदार शामिल हैं। महाराष्ट्र के बहुचर्चित 70 हजार करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री रहे एनसीपी नेता अजित पवार के खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है। अजित पवार से इसी महीने एसीबी ने पूछताछ की थी। इससे पहले बाणगंगा सिंचाई परियोजना घोटाला मामले में एनसीपी के दूसरे बड़े नेता सुनील तटकरे से भी पूछताछ की जा चुकी है।
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