दरअसल, बीजेपी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य में अपनी जड़ों को मजबूत करने में लगी हुई है। बिप्लब देब की कार्यशैली से पार्टी में कई विधायक नाराज चल रहे हैं और तीन विधायकों ने तो पार्टी से इस्तीफा तक दे दिया। इसके बाद बीजेपी हाई कमान ने तेजी से बड़े फेरबदल यहाँ किये जो चुनावों से जोड़कर ही देखें जा रहे हैं। बता दें कि वर्ष 2018 में बीजेपी ने यहाँ 60 में से 36 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
गुजरात: विजय रुपाणी वर्ष 2016 और 2021 के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहे लेकिन दूसरा कार्यकाल वो अपना पूरा करते उससे पहले ही बीजेपी ने यहाँ सीएम बदल दिया। बीजेपी ने यहाँ भूपेन्द्र पटेल को नये सीएम के रूप में नियुक्त किया। ध्यान देने वाली बात ये है कि गुजरात में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।
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कर्नाटक: बीजेपी ने वर्ष 2019 में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में यहाँ सरकार बनाई थी। इससे पहले कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार थी। केवल दो साल बाद ही बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद से हटा दिया गया उनकी जगह बसवराज बोम्मई ने ली। कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं ।उत्तराखंड : इसी वर्ष फरवरी में उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने सफलतापूर्व सत्ताविरोधी लहर को हरा दिया और वापसी की। पर यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि बीजेपी ने इससे पहले यहाँ 3 बार मुख्यमंत्री बदले। मुख्यमंत्री के रूप में सबसे पहले यहाँ त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार साल तक शासन किया। पिछले साल मार्च में उन्होंने इस्तीफा दिया और उनके बाद तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया गया। केवल चार महीनों में ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया। पुष्कर सिंह धामी इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में अपनी सीट भी बचा नहीं सके। इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें फिर से सीएम बना दिया।
इन सभी राज्यों में गौर करें तो बीजेपी ने विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पूर्व ही सीएम बदले हैं। इससे स्पष्ट है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर को पाटने के लिए बीजेपी ने ये बड़ा कदम उठाया ताकि वो चुनावों में जीत दर्ज कर सके। उत्तराखंड में बीजेपी का ये फार्मूला काम कर गया और उसने सत्ता में वापसी भी कर ली। अब इस वर्ष के अंत में गुजरात में होने वाले चुनावों में बीजेपी का ये फॉर्मूला काम आता है या नहीं ये तो वक्त बताएगा लेकिन इतना स्पष्ट है कि बीजेपी विधानसभा चुनावों को जीतने के लिए लिए बार बार सीएम बदल रही है।