भाजपा प्रदेश अध्यक्ष येदियुरप्पा ने कहा कि मैं हाल में दिल्ली से लौटा हूं और मुझे आलाकमान से निर्देश मिला है कि किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होना है जिससे प्रदेश की सरकार अस्थिर हो। येदियुरप्पा ने गठबंधन के सहयोगियों से राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा और यह साफ किया कि उनकी पार्टी सरकार को गिराने या अस्थिर करने का कोई प्रयास नहीं करेगी।
हालांकि येदियुरप्पा ने ये भी साफ कहा कि फिलहाल हम आलाकमान के निर्देश के मुताबिक कुछ वक्त के लिए शांत रहेंगे। इसके लिए हमें पार्टी से साफ तौर पर कहा गया है। कुछ समय बाद इसको लेकर कोई नई रणनीति भी सामने आ सकती है। लेकिन फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में है टीम येदु।
येदियुरप्पा ने सिद्धारमैया पर लगाया आरोप
कर्नाटक में सरकार को अस्थिर न करने के केंद्र के आदेश के बीच येदियुरप्पा ने सिद्धारमैया पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सिद्धारमैया अपने कुछ विधायकों को मेरे पास भेजकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं। दरअसल लोकसभा चुनावों के बाद से ही जेडीएस-कांग्रेस सरकार विस्तार के जरिये संभावित संकट को टालने में जुटी है।
कर्नाटक में 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान त्रिशंकु विधानसभा के हालात बने थे। 224 सीट वाली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने 104 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल किया। जबकि कांग्रेस ने 80 सीट के साथ दूसरे नंबर पर कब्जा जमाया। वहीं जेडीएस के हाथ 37 सीटें आईं। सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी भाजपा सरकार बनाने में नाकाम रही। कांग्रेस-जेडीएस ने मौका मिलते ही सरकार बना डाली। येदियुरप्पा सत्ता पर सिर्फ तीन दिन ही काबिज हो पाए और 19 मई 2018 को कुर्सी गंवा बैठे।