संस्थान निदेशक प्रेम कुमार कंसारा ने कार्यक्रम में प्रशिक्षण संबंधी जानकारी दी। महिलाओं के लिए अगरबत्ती मेकिंग काम को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह घर बैठे आय प्रदान करने वाला व्यवसाय है। साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत ही कम लागत पर अगरबत्ती मेकिंग कार्य शुरू कर अच्छी आय प्राप्त कर सकते है । संस्थान निदेशक ने पापड़, अचार एवं मसाला उद्योग के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूह द्वारा किए जाने वाले कार्य को भी महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का अच्छा जरिया बताया।
मुख्य अतिथि अग्रणी जिला प्रबन्धक अजय वीण नन्दुरकर ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला को स्वरोजगार के माध्यम से समाज में अपनी विशिष्ठ पहचान बनानी चाहिए। महिलाओं को शिक्षा का महत्व बताते हुए बालिकाओं को पढ़ाने का संकल्प दिलाया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक डॉ अनिता बोराना ने कहा कि इस प्रशिक्षण के पश्चात सबसे पहले अपना लक्ष्य तय करें कि आपको किस स्तर पर कार्य करना है, फिर उसी अनुसार कार्य की योजना तैयार कर व्यवसाय की शुरुआत करें। साथ ही उन्होंने कहा कि व्यवसाय में बैंक ऋण की आवश्यकता होने पर संस्थान में सम्पर्क करें ताकि सम्बंधित बैंक में आपके ऋण आवेदन तैयार कर भिजवाए जा सकें।
वित्तीय साक्षरता एवम ऋण परामर्श केंद्र प्रभारी अशोक कुमार यादव ने संस्थान में चल रहे ऋण परामर्श केन्द्र की कार्यविधि पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम संचालन अशोक कुमार यादव ने किया। इस अवसर पर 40 महिला प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किए गए। समापन समारोह में स्टाफ सदस्य ओमप्रकाश, सीमा टेलर आदि उपस्थित रहे।