scriptमदरसों का नहीं कोई नहीं धणी धोरी | Madrasas do not have any Dhani Dhori | Patrika News
प्रतापगढ़

मदरसों का नहीं कोई नहीं धणी धोरी

23 पैराटीचर्स कार्यरत

प्रतापगढ़Jun 17, 2019 / 01:42 pm

Ram Sharma

pratapgarh

मदरसों का नहीं कोई नहीं धणी धोरी

23 पैराटीचर्स कार्यरत
11 मदरसों का नहीं कोई नहीं धणी धोरी
प्रतापगढ़. अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को बेहतर दुनियावी तालीम देने के लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार की ओर से मदरसों को बेहतर संसाधनों और सुविधाओं से सुदृढ़ किया जा रहा है। लेकिन अल्पसंख्यक विभाग की उदासीनता के चलते जिले के मदरसों की हालत खराब है।
जिले में करीबन 26 मदरसे पंजीबद्ध हैं। इसमें 15 संचालित हैं । 11 मदरसे पैराटीचर्स के अभाव में बंद पड़े है। जिम्मेदार विभाग और अधिकारियों के साथ ही मदरसा कमेटी की उदासीन रवैये के चलते मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को न तो दीनी और न ही दुनियावी तालीम मिल रही है।
साथ ही विगत वर्षो की तुलना में नामांकन में भी गिरावट आई है। जिला मुख्यालय स्थित मेहताबिया मदरसा भी पेराटीचर्स के अभाव में विगत एक वर्ष से बंद पड़ा हुआ है। यहां 2012 में एक पैराटीचर्स की नियुक्ति की गई थी, जो पहले दिन ही नियुक्ति लेने के बाद से अब तक वापस नहीं आया है।
वही जिले में कई मदरसे ऐसे है, जिनके पास भवन तक उपलब्ध नहीं है। वहीं कई मदरसों के पास भूमि है, लेकिन भवन नहीं है। जबकि कई मदरसे जिनके पास भूमि है। उन्होंने भवन निर्माण के लिए तखमीने बनाकर भेज रखे है। लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। जिसके चलते कई मदरसों में बच्चों को खुले में बैठने पर विवश होना पड़ रहा है।
साथ ही विगत वर्षो की तुलना में नामांकन में भी गिरावट आई है। जिला मुख्यालय स्थित मेहताबिया मदरसा भी पेराटीचर्स के अभाव में विगत एक वर्ष से बंद पड़ा हुआ है। यहां 2012 में एक पैराटीचर्स की नियुक्ति की गई थी, जो पहले दिन ही नियुक्ति लेने के बाद से अब तक वापस नहीं आया है।
वही जिले में कई मदरसे ऐसे है, जिनके पास भवन तक उपलब्ध नहीं है। वहीं कई मदरसों के पास भूमि है, लेकिन भवन नहीं है। जबकि कई मदरसे जिनके पास भूमि है। उन्होंने भवन निर्माण के लिए तखमीने बनाकर भेज रखे है। लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। जिसके चलते कई मदरसों में बच्चों को खुले में बैठने पर विवश होना पड़ रहा है।

मदरसा बोर्ड की अनदेखी है…
जिला संयोजक बनने के बाद से जिले में स्थित मदरसों की स्थिति को सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रहा हूं। जिन मदरसों में भवन व अध्यापक नहीं है उनकी मांग रखी गई है। लेकिन वक्फ बोर्ड राजस्थान की ओर से निरन्तर जिले की अनदेखी की जा रही है। मदरसों के भवन और पेराटीचर्स आदि के लिए कई बार लिखित रूप में अवगत कराया गया है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
हाजी जाहिद हुसैैन शेख,
जिला संयोजक, मदरसा कमेटी, जिला प्रतापगढ
मदरसों की स्थिति खराब है
मदरसों में अध्यापक नियुक्त करने की जिम्मेदारी तो विभाग की होती है। पर कोई सुनवाई नहीं होती है। न ही विभाग की ओर से मदरसों की बेहतरी और संचालन संबंधी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है। मदरसों की दयनीय स्थिति के लिए सरकार और विभाग दोनों जिम्मेदार है।
मकसूद खान मेव, उपाध्यक्ष अंजुमन फुरकानियां कमेटी, जिला प्रतापगढ़
पैराटीचर्स के लिए विभाग को अवगत कराया गया है…
अधिकांश कमेटियों के पदाधिकारी भी निष्क्रिय है। विभाग की ओर से जो भी साधन संसाधन हमें मिल रहे है, वे हम मदरसों को उपलब्ध करा रहे है। जिन मदरसों में पैराटीचर्स नहीं है। उनके लिए विभाग की ओर से पैराटीचर्स लगाने की मांग की गई है।
बनवारीलाल शर्मा,
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रतापगढ़

Home / Pratapgarh / मदरसों का नहीं कोई नहीं धणी धोरी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो