किस छात्रनेता ने क्या गिनाए काम
– कार्यकाल : वर्ष 2013-14 छात्रसंघ अध्यक्ष : संतोष मीणा
मैं जब छात्रसंघ अध्यक्ष बना, उससे पहले महाविद्यालय परिसर में पहले तो माहौल खराब रहता था। कॉलेज में छात्राएं आने से डरती थी। मैंने एबीवीपी के बैनर पर चुनाव जीता था। मेरे आने के बाद कॉलेज में माहौल सुधरा। पहले कॉलेज में छात्राओं की संख्या कम हुआ करती थी, लेकिन जब से लगातार एबीवीपी जीत रही है, कॉलेेज का माहौल अच्छा रहने लगा। मेरे कार्यकाल के बाद से हर वर्ष छात्राओं की संख्या बढ़ती रही। अब तो हालत यह है कि कॉलेज में छात्रों से ज्यादा छात्राएं हैं। मैंने अपने समय में महाविद्यालय परिसर का मुख्य द्वार बनवाया। कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रमों को लेकर स्टेज का निर्माण करवाया। प्रोजेक्टर पर स्मार्ट क्लासेज शुरू करवाई और दो कक्षाकक्षों का निर्माण मेरे कार्यकाल में ही हुआ।
महाविद्यालय में एबीवीपी संगठन की जीत के बाद ही शिक्षा का माहौल बना है। पहले तो यहां गुन्डा राज ही चला करता था। वर्ष 2013-14 से पहले और अभी भी छात्रसंघ चुनाव के दौरान ‘जितेंगे तो नाचेंगे व हारेंगे तो मारेंगे’ के नारे कई छात्र संगठनों की ओर से लगाए जाते हैं। कॉलेज में छात्राएं आने से डरा करती थी। एबीवीपी के आने के बाद से इस चीज पर लगाम लगी है। मेरे समय ऑडिटोरियम, बॉस्केटबॉल, साइकल स्टैंड, पांच कक्षा कक्ष का निर्माण सहित कई विकास कार्य हुए। हम गल्र्स कॉलेज की मांग भी लगातार करते रहे। हर वर्ष धरना प्रदर्शन किया। इससे यह मुद्दा प्रदेशस्तर पर उठा।
मेरे कार्यकाल में महाविद्यालय परिसर में पहले से चली आ रही समस्याओं पर लगाम लगाईगई। पहले कॉलेज में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहा करता था। अब कॉलेज में आने वाली छात्राओं के साथ छेड़छाड़ जैसी हरकतें किया करते थे। उन पर कार्रवाई हुई। विकास में मुख्य रूप से एमएससी साइंस की लेब सुव्यवस्थित करवाई गई। स्नातकोत्तर में एमएससी व एमकॉम के विषय खुलवाए गए। चार कक्षा कक्ष का निर्माण करवाया गया। महाविद्यालय में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया। एमकॉम में अस्थाई टीचर लगवाए गए। कई प्रत्यिोगिताएं आयोजित करवाई गई।
कार्यकाल : वर्ष 2018-19 छात्रसंध अध्यक्ष :जमनालाल मीणा
महाविद्यालय में लगातार पांच साल से एबीवीपी ने अपनी जीत दर्ज की थी। मैने छठी बार एबीवीपी से ही जीत दर्ज की। महाविद्यालय में मैंने हर छोटी-बड़ी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उनपर कार्य किया है। शिक्षकों के खाली पद भरवाए। कन्या महाविद्यालय को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया। इसके बाद सरकार ने अपने फैसले में प्रतापगढ़ में कन्या महाविद्यालय खोलने की घोषणा की। इसके साथ ही कई विकास कार्य कॉलेज में करवाए गए है।